नालंदाः नालंदा के अंतराष्ट्रीय पर्यटन स्थल नालंदा खण्डहर के समीप एक बार फिर प्राचीन काल के अवशेष मिले हैं. यहां स्थित देहरा तालाब की खुदाई के दौरान एक दीवार सामने आ गई. लघु सिंचाई विभाग द्वारा जल जीवन हरियाली योजना से तालाव की खुदाई जेसीबी मशीन से कराया जरहा था. खुदाई के दौरान तालाब में पालकालीन सीढ़ी घाट के अलावे कई अवशेष मिले जिसे ग्रामीणों ने अपने कब्जे में ले लिया है. पुरातत्व विभाग ने अवशेषों के साथ कि गई छेड़छाड़ को लेकर नाराजगी भी जताई है. 


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स्थानीय पुलिस को भेजा था नोटिस
पुरातत्व विभाग के अधिकारी का कहना है कि मार्च में ही देहरा तालाब में किसी प्रकार के कार्य को लेकर लघु सिंचाई विभाग की ओर से रोक थी और स्पष्ट तरीके से मना किया गया था. बावजूद वर्ल्ड हेरिटेज साइट के समीप इस तरह का गैर जिम्मेदाराना कार्य लघु सिंचाई विभाग की ओर से किया जा रहा था. इसे लेकर स्थानीय पुलिस को भी कई बार नोटिस भेजी गई है. बावजूद तालाब की सुरक्षा में स्थानीय पुलिस किसी प्रकार का सहयोग नहीं कर रही है. उसी का नतीजा है कि पाल कालीन काल के मिले अवशेषों के साथ शरारती तत्व के द्वारा नष्ट किया जा रहा है. हालांकि इस दौरान पुरातत्व विभाग की टीम ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया.


मिली हैं कई बेसकीमती मूर्तियां
सीढ़ी और पालकालीन संरचना मिलने के बाद नालंदा के जिलाधिकारी राजगीर के एसडीओ, सिलाव के सीओ और पुरातत्व विभाग के अधिकारी खुदाई स्थल पर पहुंचे. इस दौरान जिलाधिकारी ने तत्काल खुदाई पर रोक लगा दिया है और जो भी मूर्ति या अवशेष मिला है. उसे पुरातत्व विभाग के हवाले करने का निर्देश दिया है. प्राचीन नालंदा विश्व विद्यालय को विश्व धरोहर में शामिल किया गया है. इसके आस पास के इलाके में खुदाई पर रोक लगा दिया गया था. मगर नालंदा खंडहर के पास ही तालाब की खुदाई की जा रही थी, जिसमें कई अवशेष मिला है. स्थानीय लोगों की मानें तो इस तालाब की खुदाई में कई बेसकीमती मूर्ति मिली है जिसे यहां से गायब कर दिया गया है.


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