बगहाः बड़ी ख़बर बगहा से है. यहां एक किसान को आदमखोर बाघ ने हमलाकर मौत के घाट उतार दिया. लौकरिया थाना क्षेत्र के बरवा कला गांव के किसान रामप्रसाद उरांव अपनी पत्नी बुल्का देवी, बेटी रजवंती देवी के साथ खेत में सोहनी करने के लिए गए थे. तभी जंगल से निकलकर एक बाघ ने पीछे से उनपर हमला कर दिया. बाघ किसान को पत्नी के सामने ही घसीटते हुए गन्ने की खेत में ले जाने लगा. पत्नी व दूसरे खेत में काम कर रहे ग्रामीणों ने शोर मचाया तो सूचना पाकर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे. एक घंटे की मशक्कत के बाद शव को गन्ने के खेत से बाहर निकाला गया. बाघ की चहलकदमी औऱ हमले के बाद स्थानीय किसानों, ग्रामीणों औऱ मजदूरों में दहशत का माहौल है.


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12 सितंबर को भी बाघ ने ली थी एक की जान
बताया जा रहा है कि कि बीते 12 सितंबर को हरनाटाड़ के बैरिया कला गांव के सरेह में बकरियों के लिए घास काट रही प्रेमा कुमारी पर उसी बाघ ने हमला बोलकर मौत के घाट उतार दिया था. आक्रोशित ग्रामीणों ने शव लेकर रेंज आफिस पर प्रदर्शन किया था और सुरक्षा की मांग की थी. घटना के बाद से वन विभाग ड्रोन कैमरे से बाघ की तलाश कर रहा था. बाघ तो नहीं मिला लेकिन एक और किसान की जान चली गई. DFO नीरज नारायण ने 24 घण्टे गश्ती का भरोसा दिलाया था जो हवा हवाई साबित होने लगा है. 


किसान की मौत से ग्रामीणों में आक्रोश
बाघ के हमले में किसान की मौत पर ग्रामीण आक्रोशित हैं. इससे पूर्व भी बाघ छह बार हमला बोल चुका है और कईयों ने अपने जान गवां दी है. इस साल आठ मई को इसी गांव से सटे बगीचे में खेल रहे एक किशोर पर बाघ ने हमला बोल दिया था. जख्मी 17 वर्षीय अविनाश कुमार को प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए गोरखपुर रेफर कर दिया गया. जहां किसी तरह उसकी जान बची. इस घटना के महज छह दिनों के बाद चिउटाहां वन क्षेत्र के जिमरी नौतनवा निवासी 12 वर्षीय राजकुमार बैठा दोस्तों के साथ साग चुनने के लिए जंगल की ओर गया हुआ था. यहां बाघ ने हमला बोल उसे मौत के घाट उतार दिया था. काफी खोजबीन के बाद कक्ष संख्या 32 से किशोर का शव बरामद हुआ. 15 जुलाई को बैरियाकला गांव के एक बुजुर्ग 65 वर्षीय धर्मराज काजी के शव के अवशेष हरनाटांड़ वन क्षेत्र के कक्ष संख्या दो से बरामद हुए थे. वह खत की ओर गए थे और तबसे लापता हो गए थे. जांच में इसकी पुष्टि हुई कि बुजुर्ग की जान बाघ ने ही ली है. 12 सितंबर को प्रेमा देवी को बाघ ने मौत के घाट उतार दिया था.


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