डरा रहा है वैश्विक मंदी का खतरा, जानिए भारत पर कितना होगा इसका असर
2020 में शुरू हुए कोरोनावायरस के प्रकोप के कारण देश और दुनिया में कोहराम मच गया था. जिसके बाद दुनिया की अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी. लॉकडाउन का ऐसा सिलसिला शुरू हुआ था जो कई महीनों तक चलता रहा. इसके बाद धीमे-धीमे कोरोना का टीकाकरण शुरू हुआ और स्थिति सामान्य होने की दिशा में आई.
पटना : 2020 में शुरू हुए कोरोनावायरस के प्रकोप के कारण देश और दुनिया में कोहराम मच गया था. जिसके बाद दुनिया की अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी. लॉकडाउन का ऐसा सिलसिला शुरू हुआ था जो कई महीनों तक चलता रहा. इसके बाद धीमे-धीमे कोरोना का टीकाकरण शुरू हुआ और स्थिति सामान्य होने की दिशा में आई. जनजीवन फिर से सुचारू रूप से शुरू किया गया लेकिन कोरोना काल का असर मानो आज भी थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. अब विश्व के सामने मंदी का खतरा दस्तक दे रहा है.
क्या वैश्विक मंदी आने वाली है ?
दुनिया भर के रिज़र्व बैंकों ने कोरोना काल में अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने के लिए ब्याज दरों में भारी बदलाब किये थे. अमेरिका जैसे मज़बूत अर्थव्यवस्था वाले देश ने तो ब्याज दरें 0% कर दी थी. जिससे देश की इकॉनमी को बचाया जा सके, लेकिन उसके विपरीत आज अमेरिका और दुनिया के सामने वैश्विक मंदी का खतरा मंडराने लगा है. जिसके चलते सभी देशों के रिज़र्व बैंक लगातार ब्याज दरों को बढ़ा रहे हैं. वहीं अमेरिका की 10 साल की बॉन्ड यील्ड में भारी बढ़त देखने को मिल रही है.
अमेरिकी शेयर मार्केट 52 हफ्तों के निचले स्तर पर पहुंचे
शुक्रवार को अमेरिकी बाज़ारों ने 1 साल का सबसे निचला स्तर छुआ. अमेरिकी शेयर बाजार ने अपने उचत्तम स्तर से लगभग 21% की गिरावट दर्ज की है.
इस साल जनवरी में उसने अपना उच्चतम स्तर हासिल किया था, जो 36952.1 था. उसके बाद से जो गिरावट का सिलसिला शुरू हुआ वो थमने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार को अमेरिकी बाजारों ने 29244 के स्तर को छुआ जो 52 हफ्तों का सबसे निचला स्तर था. जनवरी से अब तक देखा जाये तो लगभग 7700 पॉइंट की गिरावट दर्ज की गई है.
ग्लोबल मंदी से क्या बच पायेगा भारत ?
दुनिया भर के देशों में ग्लोबल मंदी की आशंका बनी हुई है. जिसके चलते दुनिया के लगभग सभी इक्विटी बाज़ारों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है लेकिन इसके विपरीत भारतीय इक्विटी बाज़ारों में हर गिरावट पर खरीददारी देखने को मिल रही है. ये ट्रेंड कब तक चलेगा इसका किसी को पता नहीं, कब तक भारतीय बाजार ग्लोबल मार्केट की तुलना में कम गिरेंगे ये तो देखने वाली बात होगी, लेकिन अभी तक भारतीय बाज़ारों पर ग्लोबल मंदी का कुछ खास असर नहीं दिख रहा है. शुक्रवार को पहली बार भारतीय बाज़ारों ने कमजोरी दिखाई. जिसके चलते निफ़्टी 1.72% और सेंसेक्स 1.73% नीचे जाकर बंद हुआ.
अब देखना ये होगा कि भारतीय बाजार ग्लोबल मंदी को नज़रअंदाज़ करते रहेंगे या फिर भारतीय बाज़ारों में गिरावट का सिलसिला शुरू हो जायेगा. क्योंकि दुनिया भर के बाज़ारों की तुलना में भारतीय बाजार अभी भी अपने 52 हफ़्तों के निचले स्तर से बहुत दूर है.
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