Karva Chauth 2024: करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है. यह व्रत निर्जला होता है, यानी इस दिन महिलाएं बिना पानी पिए व्रत रखती हैं. यह व्रत सूर्योदय से पहले सरगी खाकर शुरू होता है और रात में चंद्रमा का दर्शन करके अर्घ्य अर्पित करने के बाद व्रत का पारण किया जाता है. इस दिन लड़की के मायके से कई सामान भेजे जाते हैं.


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आचार्य मदन मोहन के अनुसार शादी के बाद का पहला करवा चौथ खास होता है, इसलिए मायके से कई चीजें भेजी जाती हैं. मायके से इस दिन फल, मिठाई, मठरी और सूखे मेवे भेजे जाते हैं. इसके साथ ही परिवार के अन्य सदस्यों और रिश्तेदारों के लिए भी बर्तन, कपड़े और अन्य सामग्री भेजी जाती है. यह सामान आमतौर पर करवा चौथ की कथा होने से पहले लड़की के घर पहुंच जाता है.


आचार्य के अनुसार लड़की और उसके पति के लिए कपड़े भी मायके से आते हैं. करवा चौथ पर चावल और चीनी का भी खास महत्व होता है. चावल का प्रयोग पूजा में किया जाता है, जबकि चीनी का उपयोग मिठाइयों में होता है. इस दिन का माहौल खास और पारिवारिक होता है, जहां सभी लोग एकत्र होकर इस पर्व को मनाते हैं.


करवा चौथ कब मनाया जाएगा?
इस साल करवा चौथ की चतुर्थी तिथि 20 अक्टूबर 2024, रविवार को सुबह 6 बजकर 46 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 21 अक्टूबर 2024 को सुबह 4 बजकर 16 मिनट पर होगा.


करवा चौथ का शुभ मुहूर्त क्या है?
करवा चौथ के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 44 मिनट से 5 बजकर 35 मिनट तक रहेगा. अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 28 मिनट तक है. विजय मुहूर्त का समय दोपहर 1 बजकर 59 मिनट से 2 बजकर 45 मिनट तक रहेगा.


करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय क्या है?
करवा चौथ के दिन चांद निकलने का समय 20 अक्टूबर को रात 7 बजकर 54 मिनट पर होगा. हालांकि, विभिन्न राज्यों और शहरों में चांद के दर्शन का समय थोड़ी भिन्नता हो सकती है. इसलिए, अपने क्षेत्र में चांद निकलने का सही समय अवश्य देख लें. इस प्रकार करवा चौथ का पर्व न केवल एक व्रत है, बल्कि यह पारिवारिक और सामाजिक संबंधों को मजबूत करने का एक मौका भी है.


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