पटना :  Gandhi Jayanti 2022: देश आज महात्मा गांधी की 153 वीं जन्म जयंती मना रहा है. आपको बता दें कि बिहार से राष्ट्रपिता का गहरा नाता रहा है. बापू 1917 में पहली बार बिहार आए थे. इसके बाद तो उनके बिहार आने का सिलसिला चल निकला और आजादी के आंदोलन में बिहार ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की. बता दें कि बापू जब पटना पहुंचे तो अनुग्रह नारायण सिन्हा सामाजिक अध्ययन शोध संस्थान के द्वारा उनकी मेजबानी की गई थी. आज भी यहां इस संस्थान के प्रांगण में गुलाबी और सफेद रंग की इमारत है. जिसे गांधी शिविर के नाम से प्रसिद्धि प्राप्त है. कहते हैं कि 1947 में बापू यहां लगभग 40 दिन तक रहे थे.


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बापू लगातार यहां कार्यकर्ताओं से मिलते थे 
1947 में 5 मार्च को बापू यहां पहुंचे थे और यहां वह लगातार कार्यकर्ताओं से मिलते रहते थे. उनके बुलावे पर ठीक तीन दिन बाद अब्दुल गफ्फार खां भी इसी भवन में उनके साथ ठहरे थे. यहां गांधी जी के साथ निर्मल कुमार बोस, मनु गांधी, देव प्रकाश, नायर, सैयाद अहमद भी रह रहे थे. 


यहां 40 दिनों तक ठहरे बापू 
बता दें कि 30 मार्च तक यहीं ठहरने के बाद वायसराय लार्ड माउंट बैटन के निमंत्रण पर वह दिल्ली चले गये और फिर 14 अप्रैल 1947 को वापस लौटे. इसके बाद वह इसी भवन में ठहरे और इस बीच देशभर में हिंसा भड़क उठी जिसको शांत कराने के लिए 24 मई 1947 को गांधी जी वहां से निकल गए. इस दौरान उनका 40 दिन का यहां का प्रवास रहा. 


बापू की पोती मनु गांधी भी उनके साथ रहीं यहां 
इस 40 दिन के वक्त को जब उन्होंने पटना में गुजारा, बापू की पोती मनु गांधी भी यहां उनके साथ रहीं. यहां इसी भवन में एक चबूतरा है जहां बैठकर गांधी जी पत्र लिखा करते थे. इस भवन की हालत वर्तमान में बहुत खराब है और यहां अब ताला लटकता रहता है. 


1921 में भी बिहार आए थे गांधी जी 
1921 में जब गांधी जी पटना आये तो वह खुदा बख्श लाइब्रेरी देखने की लालसा लेकर अशोक राज पथ पहुंच गये. वहां से वह गोरखपुर के लिए निकले और फिर वहां से बिहारशरीफ़ होते हुए सदाकत आश्रम पहुंचे.


यहां प्रवचन करते थे बापू
पटना के गांधी मैदान में स्थित वर्ष बांकीपुर लौन से बापू का गहरा नाता रहा है. 1942 में महात्मा गांधी ने एक महीने तक हर दिन यहां से प्रार्थना सभा के बाद प्रवचन किया था. 1934 में भी बांकीपुर लौन में गांधी के प्रवचन कार्यक्रम का आयोजन हुआ था. 20 मार्च 1934 को मंगल तालाब (पटना सिटी) पधारे गांधी जी ने वहां एक सार्वजनिक सभा को संबोधित किया था. 


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