Ganesh Lakshmi Murti: गणेश जी की सूंड़ किधर होनी चाहिए? दीवाली की मूर्ति खरीदने में किन बातों का रखें ध्यान
Ganesh Lakshmi Murti: मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की अलग-अलग मूर्ति खरीदें. संयुक्त मूर्ति खरीदने में बुराई नहीं है, लेकिन वो हमेशा एक मूर्ति मानी जाती है. इनका पंचोपचार पूजन नहीं हो पाता है. गणेश-लक्ष्मी जी की बैठी हुई मुद्रा की मूर्ति की पूजा करनी चाहिए
पटनाः Ganesh Lakshmi Murti: नवरात्र समाप्त हो चुके हैं. अब दीपावली आने वाली है. धन की देवी का ये त्योहार पूरे भारत में हर्ष के साथ मनाया जाता है. इस दौरान लक्ष्मी-गणेश की नई प्रतिमा खरीदकर उनका पूजन किया जाता है. दिवाली इस बार 24 अक्टूबर 2022 को है. दिवाली के लिए भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की मूर्ति खरीदते समय कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए-
अलग-अलग मूर्ति खरीदें
मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की अलग-अलग मूर्ति खरीदें. संयुक्त मूर्ति खरीदने में बुराई नहीं है, लेकिन वो हमेशा एक मूर्ति मानी जाती है. इनका पंचोपचार पूजन नहीं हो पाता है. गणेश-लक्ष्मी जी की बैठी हुई मुद्रा की मूर्ति की पूजा करनी चाहिए. खड़ी मुद्रा की मूर्ति को उग्र स्वभाव की माना जाता है. इसलिए दिवाली पर बैठी हुई मुद्रा की मूर्ति पूजा करें. गणेश जी की प्रतिमा खरीदते समय ध्यान दें कि उनकी सूंड बाईं तरफ मुड़ी हो और उनका वाहन चूहा जरूर बना होना चाहिए.
धन लक्ष्मी की पूजा करें
भगवान गणेश के हाथ में मोदक लिए हुए मूर्ति को ही दीवाली पूजा में शामिल करना चाहिए. ऐसा करने से घर सुख-शांति आने की मान्यता है. लक्ष्मीजी की मूर्ति खरीदते समय ध्यान देना चाहिए कि लक्ष्मी जी के हाथ से धन वर्षा हो रही हो, उसे ही खरीदें. हाथ से सिक्के या धन गिरने वाली मूर्ति को धन लक्ष्मी कहा जाता है. मान्यता है कि दीवाली पर धन लक्ष्मी की पूजा करने से घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती है. उल्लू के बजाए हाथी या कमल पर विराजमान मां लक्ष्मी की मूर्ति की पूजा करनी चाहिए.
खंडित न हो कोई भी मूर्ति
दीवाली पर मिट्टी से बनी मूर्ति का पूजन सबसे शुभ माना जाता है. इसके अलावा अष्टधातु, पीतल या चांदी की मूर्ति का पूजन भी किया जा सकता है. दीवाली पूजन में खंडित या टूटी हुई मूर्ति को शामिल नहीं करना चाहिए. कहते हैं कि ऐसा करने से अशुभता घर आती है.
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