पटनाः Gems Rules: हिंदू धर्म में नवग्रहों और उनसे जुड़े रत्नों का विशेष महत्व है. ऐसा माना जाता है कि नवग्रहों की शुभता को बढ़ाने के लिए और उनकी अशुभता को कम करने के लिए रत्न पहने जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, किसी भी रत्न को कभी भी किसी माह के कृष्ण पक्ष में धारण नहीं करना चाहिए. रत्न को पहनने के लिए किसी भी महीने का शुक्ल पक्ष ही उत्तम माना जाता है. इसके अलावा किसी भी रत्न को पहनने के पूर्व उनको विधि-विधान के अनुसार पूजा करके अभिमंत्रित करने के बाद ही धारण करना चाहिए.  


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किसी भी रत्न को सिर्फ शुभ मुहूर्त ने पहना ही नहीं जाता, बल्कि रत्न को खरीदते समय भी शुभ मुहूर्त का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए. बाजार से रत्न लेते समय इस बात का पूरा ख्याल रखें कि रत्न में किसी प्रकार का दाग लगा हुआ ना हो और ना ही यह कहीं से चटका या टूटा न हो. ज्योतिष के मापदंड के अनुसार ही रत्न को खरीदना चाहिए. 


यदि कोई व्यक्ति एक से अधिक रत्न धारण करना चाह रहा है, तो उसे इस बात का पूरा ख्याल रखना चाहिए कि परस्पर शत्रु राशि वाले रत्नों को एक साथ कभी न पहनें. इसके अलावा यदि रत्न की अनुकूलता को परखना है तो संबंधित ग्रह के हिसाब से रेशम के वस्त्र में रत्न को लपेट कर उसकी पूजा करने के बाद अपनी बांह में धारण कर लें. 


कब रत्न धारण न करें 
रत्न पहनने से पहले यह इस बात का ध्यान देना चाहिए कि 4, 9 और 14 तिथि न हो. ज्योतिष के मुताबिक इन तारीखों पर रत्न धारण नहीं करना चाहिए. इसके अलावा ये भी याद रखना चाहिए कि जिस दिन रत्न धारण करें. उस दिन गोचर का चंद्रमा आपकी राशि से 4, 8,12 में ना हो. साथ ही अमावस्या, ग्रहण और संक्रांति के दिन भी रत्न न पहनें. रत्न हमेशा दोपहर से पहले सूर्य की ओर मुख करके पहनना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, किसी भी रत्न को कभी भी किसी माह के कृष्ण पक्ष में धारण नहीं करना चाहिए. रत्न को पहनने के लिए किसी भी महीने का शुक्ल पक्ष ही उत्तम माना जाता है.  इसके अलावा किसी भी रत्न को पहनने के पूर्व उनको विधि-विधान के अनुसार पूजा करके अभिमंत्रित करने के बाद ही धारण करना चाहिए.


नौ ग्रहों के लिए अलग-अलग रत्न  
नौ ग्रहों के लिए अलग-अलग रत्न पहने जाते हैं. जिसमें सूर्य के लिए माणिक, चंद्रमा के लिए मोती, मंगल के लिए मूंगा, गुरु के लिए पुखराज, बुध के लिए पन्ना, शनि के लिए नीलम, शुक्र के लिए हीरा, राहु के लिए गोमेद और केतु के लिए लहसुनिया धारण किए जाते हैं. रत्न को सही से पहनने पर इसके लाभ चमत्कारी होते हैं. अन्यथा इसके नकारात्मक प्रभाव भी जीवन पर पड़ते हैं. 


कब बदलना चाहिए रत्न 
मूंगा और मोती को छोड़कर बाकी रत्न कभी पुराने नहीं होते हैं. मोती की चमक धुंधला होने पर और मूंगा में खरोंच आने पर उन्हें बदल देना चाहिए. इसके अलावा माणिक्य, पन्ना, पुखराज, नीलम और हीरा को कभी बदला नहीं जाता.


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