पटना: बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और चुनावी हलचलें तेज हो गई हैं. विजयदशमी के बाद राज्य में सियासी यात्राओं का दौर शुरू हो गया है. केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के बड़े नेता गिरिराज सिंह की 'हिंदू स्वाभिमान यात्रा' को लेकर अब विवाद बढ़ रहा है. इस यात्रा के विरोध में एनडीए की सहयोगी पार्टी जेडीयू ने कड़ा रुख अपनाया है. जेडीयू के नेता नीरज कुमार ने गिरिराज सिंह पर निशाना साधते हुए संविधान की शपथ का हवाला दिया है और कहा है कि जाति और धर्म से ऊपर उठकर काम करने की आवश्यकता है.


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जानकारी के अनुसार गिरिराज सिंह की हिंदू स्वाभिमान यात्रा 18 अक्टूबर से 22 अक्टूबर 2024 तक बिहार में चलेगी. इस यात्रा का मुख्य फोकस सीमांचल क्षेत्र है, जहां मुस्लिम आबादी अधिक है. यात्रा की शुरुआत भागलपुर से होगी और यह किशनगंज में जाकर समाप्त होगी. गिरिराज सिंह 18 अक्टूबर को भागलपुर, 19 अक्टूबर को कटिहार, 20 अक्टूबर को पूर्णिया, 21 अक्टूबर को अररिया और 22 अक्टूबर को किशनगंज में रहेंगे.


जेडीयू के एमएलसी नीरज कुमार ने इस यात्रा पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीमांचल क्षेत्र में विकास कार्यों की एक मजबूत नींव रखी है. नीतीश कुमार ने हिंदू मंदिरों के साथ-साथ समाज के अन्य धार्मिक स्थलों का भी विकास किया है. नीरज ने कहा कि नीतीश कुमार ने सामाजिक सौहार्द्र की पूंजी को मजबूत किया है, जिसे बरकरार रखना जरूरी है. इसके अलावा, नीरज कुमार ने गिरिराज सिंह की यात्रा पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत का संविधान कहता है कि जाति और धर्म से ऊपर उठकर सभी को समान रूप से काम करना चाहिए. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि संविधान की शपथ लेकर ही जनता की सेवा की जानी चाहिए. इस संदर्भ में नीरज ने कहा कि हिंदू स्वाभिमान यात्रा के साथ संविधान की शपथ को भी याद रखना चाहिए.


जेडीयू के अलावा, एनडीए की एक और सहयोगी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने भी इस यात्रा पर प्रतिक्रिया दी है. एलजेपी सांसद अरुण भारती ने कहा कि बीजेपी को हिंदू धर्म के अंदर मौजूद जाति व्यवस्था पर भी ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में अभी भी जातिगत भेदभाव मौजूद है और बीजेपी को इस समस्या को भी सुलझाने की दिशा में काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि एससी/एसटी समुदायों के साथ हो रहे अन्याय को भी दूर करने के लिए कदम उठाने चाहिए, ताकि सभी हिंदू भाई-बहन एकजुट हो सकें.


जेडीयू नेता विजय चौधरी ने भी गिरिराज सिंह की यात्रा पर टिप्पणी की और कहा कि जनता विकास की बात सुनना चाहती है. उन्होंने कहा कि बिहार और देश के विकास के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, ताकि लोगों का ध्यान असली मुद्दों से न भटके. इसके साथ ही, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी 18 अक्टूबर से अपनी यात्रा शुरू करने जा रहे हैं. उनकी यात्रा का दूसरा चरण बांका से शुरू होगा. इस पर जेडीयू नेता नीरज कुमार ने तंज कसते हुए कहा कि तेजस्वी यादव विदेश से प्रवास करके सिर्फ ईडी के बुलावे पर लौटे हैं और अब वे अपने कार्यकर्ताओं से मिलने की कोशिश कर रहे हैं.


झारखंड के विधानसभा चुनाव के संदर्भ में जेडीयू ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बैठक की. इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार ने झारखंड के प्रभारी और अन्य प्रमुख नेताओं के साथ चुनावी रणनीति पर चर्चा की. बैठक के बाद यह जानकारी दी गई कि जेडीयू, झारखंड में बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहती है, हालांकि अभी सीटों पर सहमति नहीं बन पाई है. बिहार में एनडीए की सरकार है, जिसमें नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं. बीजेपी के कोटे से विजय कुमार सिन्हा और सम्राट चौधरी डिप्टी सीएम के पद पर हैं. राज्य की विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं, जिनमें बीजेपी के 78, जेडीयू के 44, और एलजेपी के 3 विधायक हैं. विपक्षी आरजेडी के पास 77 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के 19 और सीपीआई-एमएल (लिबरेशन) के 11 विधायक हैं.


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