पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शिक्षकों के 1 लाख 70 हजार पद रहते हुए राज्य सरकार बमुश्किल 30 हजार बिहारी युवाओं को नयी नियुक्ति देने जा रही है. सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए 9 से 12 कक्षा के लिए आवेदन ही अपेक्षा से 40 हजार कम आये. फिर मात्र 1.22लाख अभ्यर्थियों के पास होने से 48 हजार पद खाली रह गए. 10 हजार उत्तीर्ण लोगों ने बिहार सरकार की नौकरी स्वीकार नहीं कर खाली रह जाने वाले पदों की संख्या 60हजार के करीब पहुँचा दी.


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उन्होंने कहा कि जिन अभ्यर्थियों ने नौकरी स्वीकार की, उनमें मुश्किल से 30 हजार ही बिहारी युवा हैं. अन्य राज्यों के लगभग 40 हजार युवा बिहार में शिक्षक बनेंगे. 37,500 वो नियोजित शिक्षक हैं जो पहले से सरकारी सेवा में हैं उन्हें अब दोबारा नियुक्ति पत्र दिया जायेगा. सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शिक्षक नियुक्ति में जितनी गड़बड़ियाँ हुई हैं, उन सब पर पर्दा डालने के लिए गांधी मैदान में मेगा इवेंट आयोजित किया जा रहा है.  यह बिहार के युवाओं के साथ धोखा है.


उन्होंने कहा कि हालत यह है कि प्लस-टू स्कूलों में गणित, भौतिकी और रसायन शास्त्र जैसे कई महत्वपूर्ण विषय पढाने वाले योग्य शिक्षक नहीं मिले. सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि महागठबंधन सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक के बाद 10लाख सरकारी नौकरी और 10 लाख रोजगार देने का वादा किया था, जबकि 14 महीने में वे सवा लाख लोगों को भी शिक्षक की नौकरी नहीं दे पाए. ऐसे तो 25 साल में भी 10 लाख नौकरी नहीं दे पाएँगे. उन्होंने कहा कि जदयू और नीतीश कुमार ने 17 साल में बिहार की शिक्षा को बर्बाद कर दिया. यह विभाग उन्हीं की पार्टी के पास रहा.