Grah Gochar 2022: गोचर परिवर्तन कर्क, मकर राशि के लिए रहा शुभ, जानें अपनी राशि का हाल
Grah Gochar 2022: मनुष्य के जीवन में आने वाली समस्याओं और उतार चढ़ाव के लिए ग्रहों की स्थिति और उनका समय-समय पर परिवर्तन बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है. ज्योतिष शास्त्र की मानें तो ग्रहों की अनुकूलता जहां व्यक्ति को सकारात्मकता, समृद्धि और ऐश्वर्य प्रदान करते हैं.
पटनाः Grah Gochar 2022: मनुष्य के जीवन में आने वाली समस्याओं और उतार चढ़ाव के लिए ग्रहों की स्थिति और उनका समय-समय पर परिवर्तन बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है. ज्योतिष शास्त्र की मानें तो ग्रहों की अनुकूलता जहां व्यक्ति को सकारात्मकता, समृद्धि और ऐश्वर्य प्रदान करते हैं. वहीं प्रतिकूल होने पर जीवन को कष्ट, परेशानियों और समस्याओं से भर देते हैं. सभी नौ ग्रहों में मंगल ग्रह को एक क्रूर ग्रह माना जाता है.
ज्योतिषाचार्य सुमित रस्तौगी के अनुसार जहां मंगल किसी व्यक्ति की जन्म पत्रिका में शुभ होने पर उसे जमीन, मकान, संपत्ति के प्रबल योग देता है. वहीं नकारात्मक होने पर संपत्ति विवाद, रक्त जनित रोग जैसे हाइपरटेंशन और ब्लड कैंसर, दुर्घटनाएं और व्यक्ति के अंदर कारण क्रोध को जन्म देता है. सुमित रस्तौगी बताते हैं कि बीते 13 नवंबर को मंगल वृष राशि में गोचर कर चुका है और इसी राशि में 12 मार्च 2023 तक गोचर करेंगे.
इस अंतराल में मंगल वृष राशि में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे. अर्थात उल्टी चाल चलेंगे. 4 दिसंबर 2022 से 25 फरवरी 2023 तक मंगल वृष राशि में रोहिणी नक्षत्र चंद्रमा के नक्षत्र में गोचर करेंगे.
मंगल के रोहिणी नक्षत्र में गोचर करने के कारण खाद्य पदार्थों में कमी के संकेत मिलने के साथ ही खाद्य पदार्थों के मूल्य में वृद्धि होने की पूरी संभावना रहेगी. इसके साथ ही आकस्मिक दुर्घटनाओं के योग बन बनेंगे. यही नहीं कारण क्रोध और हिंसा के कारण जनमानस को कष्ट का सामना करना पड़ सकता है और अग्निकांड होने की भी आशंका बनी रहेगी.
चलिए ज्योतिषाचार्य सुमित रस्तौगी से जानते हैं इस गोचर परिवर्तन का सभी राशियों पर शुभ अशुभ फल
मेष राशि: मेष राशि वालों के लिए घर परिवार कुटुंब में लड़ाई झगड़े तनाव की स्थिति बन सकती है. प्रॉपर्टी से संबंधित विवाद की संभावना भी बनेगी. इसी अवधि में विवाद का निस्तारण भी होगा. इसके साथ ही धन आगमन के नए मार्ग खुलेंगे और खुद के प्रयासों से धन प्राप्ति होगी.
उपाय: प्रत्येक मंगलवार को जलेबी या इमरती गरीब व्यक्ति को खिलाएं.
वृष राशि: बारहवें भाव और सप्तम भाव का स्वामी मंगल लग्न में विराजमान है और आकस्मिक चोट, एक्सीडेंट, सर्जरी का योग बना रहा है. अतः सावधान रहने की आवश्यकता है. साथ ही पति-पत्नी और पार्टनरशिप में भी विवाद रहने की संभावना है.
उपाय: प्रत्येक मंगलवार गाय को गुड़ खिलाएं.
मिथुन राशि: छठे व 11वें भाव का स्वामी होकर मंगल बारहवें भाव में स्थित है. नौकरीपेशा लोगों के लिए किसी दूर जगह पर ट्रांसफर संभव है. व्यापारी वर्ग के लिए अपनी जन्मभूमि से दूर या विदेश से लाभ के मार्ग खुलेंगे. वैवाहिक संबंध और पार्टनरशिप में अनबन बनी रहेगी और सर्जरी की आशंका बनी रहेगी.
उपाय : रक्तदान करें और सर्जरी से संबंधित वस्तुएं जैसे, ब्लेड, कैंची, पट्टी आदि का दान किसी चैरिटेबल चिकित्सालय में करें.
कर्क राशि : पंचमेश व दशमेश होकर मंगल लाभ भाव में स्थित हैं. अतः लाभ की स्थितियां बनेंगी और शुभ फल की प्राप्ति होगी. पुराने समय से लंबित कार्य पूर्ण होंगे और संतान के विवाह संबंधी योग बनेंगे.
उपाय : प्रत्येक मंगलवार सुंदरकांड का पाठ करें.
सिंह राशि : यहां मंगल योगकारक होकर चतुर्थेश व नवमेश होकर दशम भाव में स्थित होकर के राजयोग बनाएगा. पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी. मकान प्रॉपर्टी के योग बनेंगे.
उपाय: प्रत्येक मंगलवार हनुमान चालीसा का 7 बार पाठ करें.
कन्या राशि : तीसरे व आठवें भाव के स्वामी होकर मंगल नवम भाव में स्थित है, अतः पिता के लिए अमंगलकारी है, पिता की सेहत का ध्यान रखें. हायर एजुकेशन में रुकावट आएंगी. विदेश जाने वाले लोगों के डाक्यूमेंट्स वीजा में प्रॉब्लम आ सकती है.
उपाय : प्रत्येक मंगलवार यथासंभव लाल मसूर की दाल किसी धार्मिक स्थल या मंदिर में दान करें.
तुला राशि : दूसरे में सातवें घर का स्वामी होकर मंगल अष्टम स्थान में स्थित है. अतः ससुराल पक्ष से विवाद होने की संभावना है. इसके साथ ही विरासत की कोई संपत्ति में भी विवाद होने की आशंका है. इस दौरान धन हानि की भी आशंका है. अतः निवेश से बचें.
उपाय : मंगलवार को घी, सामग्री, लकड़ी, श्मशान में दान करें.
वृश्चिक राशि : लग्न व छठे भाव का स्वामी होकर मंगल सप्तम भाव में स्थित है. अतः पति-पत्नी व पार्टनरशिप में विवाद रहने की आशंका है. धैर्य से काम ले, पति पत्नी को बीमारी से घिरे रहने की भी संभावना बनी रहेगी.
उपाय : प्रत्येक मंगलवार हनुमान जी का चोला चढ़ाएं.
धनु राशि : पंचमेश व बारहवें भाव का स्वामी होकर मंगल छठे भाव में स्थित है. संतान की नौकरी व संतान के घर से दूर जाने के योग बन रहे हैं. लंबे समय से चल रहे कर्ज से मुक्ति प्राप्त होगी.
उपाय : चाकू, कैची, नेल कटर आदि वस्तुएं हनुमान मंदिर में दान करें.
मकर राशि: चतुर्थ स्थान व 11वें स्थान का स्वामी होकर मंगल पंचम भाव में स्थित है. अतः प्रॉपर्टी से लाभ मिलने के योग बन रहे हैं. पद प्रतिष्ठा में उन्नति होगी और शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति मिलेगी. संतान संबंधी शुभ फल प्राप्त होंगे.
उपाय: किसी गरीब बच्चे को शिक्षा संबंधित प्रारंभिक वस्तुएं जैसे कॉपी, किताब, पेन, पेंसिल इत्यादि का दान करें.
कुंभ राशि : तीसरे और दशम भाव का स्वामी होकर मंगल चतुर्थ भाव में स्थित है. अतः नौकरीपेशा लोगों को जो अपने ट्रांसफर का इंतजार कर रहे थे. उन्हें शुभ सूचना प्राप्त होगी. इसके साथ ही घर में निर्माण कार्य भी संभव है.
उपाय: प्रत्येक मंगलवार अपने घर में तेल का दीपक जलाकर चार बार हनुमान चालीसा का पाठ करें.
मीन राशि : दूसरे घर और नौवें घर के स्वामी होकर मंगल तीसरे स्थान में विराजमान है. अतः धन धन्य भाग्य में वृद्धि के योग बनेंगे. भाई बहनों से कुछ विवाद की स्थिति में रह सकती हैं. छोटी यात्राओं में कष्ट का अनुभव करेंगे.
उपाय : खेलकूद से संबंधित वस्तुएं बच्चों को दान करें और इसके साथ ही नीम के कुछ वृक्ष किसी सार्वजनिक स्थल, पार्क, मंदिर में लगाएं.
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