पटनाः Guru Purnima Muhurat: आज गुरु पूर्णिमा की खास तिथि है, सनातन परंपरा में इस तिथि का विशेष महत्व है. इस दिन के बाद से आषाढ़ की समाप्ति हो जाती है और श्रावण मास का आरंभ होता है. आषाढ़ पूर्णिमा की तिथि को गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन प्राचीन काल से परंपरा रही है कि विद्यार्थी और छात्र अपने गुरुओं की वंदना करते थे और उन्हें दक्षिणा देकर सम्मानित करते थे. इस बार गुरु पूर्णिमा अपने विशेष योग के लिए भी महत्व पूर्ण है. 


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चार राजयोग संवारेंगे जीवन
ज्योतिष की मानें तो इस बार गुरु पूर्णिमा पर गुरु ग्रह, मंगल, बुध और शनि ग्रह शुभ संयोग बना रहे हैं, इनके कारण रुचक, शश, हंस और भद्र नामक राजयोग का निर्माण हो रहा है. इस राज योग के कारण यह गुरु पूर्णिमा विशिष्ट महत्त्व की हो गई है. धार्मिक मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु पूजन से जातक की कुंडली में गुरु दोष व पितृदोष समाप्त होता है. उन्हें नौकरी, करियर व व्यापार में अत्यधिक लाभ मिलता है. गुरु पूर्णिमा पर भगवान विष्णु का एकादश अक्षरी मंत्र ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम: का जाप करते हुए, पांच, सात, ग्यारह या 21 और निष्ठानुसार कितनी भी संख्या का हवन जरूर करना चाहिए. 


इस बार बन रहा है ये मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, गुरु पूर्णिमा 12 जुलाई को रात्रि में 2 बजकर 35 मिनट से शुरू हो रही है. इसलिए उदया तिथि में 13 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा. गुरु पूर्णिमा का स्नान पूर्णिमा तिथि के प्रारंभ होते ही शुरू हो जाएगा. गुरु पूर्णिमा के स्नान-दान का शुभ मुहूर्त सूर्योदय के पहले तक ही मान्य होता है. हालांकि पंचांग के मुताबिक, पूर्णिमा की तिथि 13 जुलाई को रात के 12 बजे के कुछ मिनट बाद तक है. सटीक समय 12:06 बजे का है. इसके उपरांत सावन का प्रवेश हो जाएगा और उदया तिथि में 14 जुलाई से सावन के महीने का प्रारंभ होगा.


गुरु पूर्णिमा का स्नान-दान: 13 जुलाई ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजे प्रारंभ
इन्द्र योग: 13 जुलाई को दोपहर 12:45 बजे तक
चन्द्रोदय समय: 13 जुलाई, शाम 07:20 बजे
भद्राकाल: 13 जुलाई को सुबह 05 बजकर 32 मिनट से दोपहर 02 बजकर 04 मिनट तक
राहुकाल: 13 जुलाई को दोपहर 12 बजकर 27 मिनट से दोपहर 02 बजकर 10 मिनट तक


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