पटनाः Guruwar Vrat: गुरुवार का व्रत सभी कष्टों से मुक्ति देने वाला, संपन्न बनाने वाला और ऐश्वर्य प्रदान करने वाला माना जाता है. गुरुवार व्रत के ईष्ट देव भगवान विष्णु जी हैं, जिन्हें बृहस्पति देव के नाम से भी जाना जाता है. गुरुवार का व्रत भी मनोकामना के अनुसार अनुष्ठान करके रखा जाता है. ये ठीक वैसा ही है, जैसा की साधक 16 सोमवार का व्रत रखते हैं और फिर व्रत का पारण करते हैं. 


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अगर आप भी पहली बार गुरुवार का व्रत रखने जा रहे हैं तो कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी हो जाता है. यह व्रत नियमों के पालन के लिए जाना जाता है और गुरुवार के व्रत की पूजा एकादशी की ही तरह होती है. इसलिए इसके विधान को अच्छी तरह समझना जरूरी है. 


अपने व्रत के दिनों की संख्या चुनें
अगर आप पहली बार गुरुवार का व्रत करने जा रहे हैं तो अपनी इच्छा और श्रद्धा के अनुसार दिनों की संख्या का चयन करें. आप पांच, 11, 21, 51, 101 आदि संख्या दिनों के व्रत रख सकते हैं. इसके अलावा आप जीवन पर्यंत का संकल्प भी ले सकते हैं, लेकिन इस स्थिति में आपको सही समय आने पर अपने व्रत का पारण करते हुए उत्तराधिकारी भी चुनना होता है. 


इस दिन से करें शुरुआत
पहली बार गुरुवार का व्रत रखने जा रहे हैं तो आपको उस गुरुवार का चयन करना चाहिए, जिस दिन पुष्य नक्षत्र हो. अगर ये संभव न हो पाये तो किसी भी मास के शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार से इस व्रत की शुरुआत कर सकते हैं. इस बात का ख्याल रखें कि जब भी व्रत प्रारंभ करने जा रहे हो, तो उस दौरान पौष माह न हो.


केले का सेवन न करें
अगर आप गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करते हैं तो उस दिन केले का सेवन भूलकर भी न करें. हिंदू धर्म के अनुसार, केले के पेड़ में भगवान श्री हरि विष्णु का वास माना जाता है, इसलिए गुरुवार के दिन केले के पेड़ पर जल अर्पित करें. उसका विधि-विधान से पूजन करें. गुरुवार के दिन उड़द की दाल व चावल के सेवन से परहेज करना चाहिए.


कपड़े, सिर आदि न धोएं
वहीं, माना जाता है कि गुरुवार के दिन दाढ़ी, बाल, नाखून नहीं कटवाने चाहिए. इसके साथ ही इस दिन कपड़े धोने व सिर धोने आदि की भी मनाही होती है. पूजा के दौरान पीले कपड़े पहनने की कोशिश करें. पीले फल और पीले फूल भगवान श्री हरि विष्णु और गुरु बृहस्पति को बेहद प्रिय हैं, इसलिए पूजा के दौरान ये चीजें जरूर अर्पित करें.


गाय को खिलाएं रोटी
मान्यता है कि गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा आराधना करने के बाद गुड़, पीला कपड़ा, चने की दाल और केला भगवान को अर्पित करने के बाद गरीबों में दान देना चाहिए. कहते हैं इससे भगवान विष्णु की कृपा दृष्टि बनी रहती है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, गाय में कई करोड़ देवी-देवताओं का वास होता. गुरुवार के दिन गाय को रोटी और गुड़ खिलाने से सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में खुशियां आती हैं.


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