पटना: सनातन परम्परा में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन जगतपालक भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में सात्विकता आती है, और किसी भी प्रकार का कोई कष्ट नहीं होता है. कर्ज से मुक्ति की कामना हो तो गुरुवार का व्रत करना सबसे अधिक फलदाई होता है. इससे माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं.


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ये मिलेंगे लाभ


अगर व्यक्ति की कुंडली में गुरु मजबूत नहीं है और शादी में कई अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है, तो गुरुवार का व्रत काफी लाभकारी साबित हो सकता है. इसके साथ ही कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत हो जाता है.


लगातार 16 गुरुवार का करें व्रत


गुरुवार व्रत की शुरुआत पौष मास को छोड़कर किसी भी मास के शुक्ल पक्ष के पहले बृहस्पतिवार के दिन से करना शुभ माना जाता है. लगातार 16 गुरुवार का व्रत रखना चाहिए और 17वें गुरुवार को व्रत का उद्यापन करना चाहिए.


ऐसे करें गुरुवार का व्रत


गुरुवार के दिन सूर्योदय से पहले उठकर  स्नान करके पीले रंग के वस्त्र धारण कर लें. भगवान विष्णु का ध्यान रखते हुए व्रत का संकल्प लें. भगवान बृहस्पति देव की विधि-विधान से पूजा करें. भगवान को पीले फूल, पीले चंदन के साथ पीले रंग का भोग लगाएं.  भोग में चने की दाल और गुड़ ले सकते हैं. इसके बाद धूप, दीप आदि जलाकर बृहस्पति देव के व्रत कथा का पाठ कर लें. इसके बाद विधिवत तरीके से आरती करके भूल चूक के लिए माफी मांग लें. केले की जड़ में जल अर्पण करने के साथ भोग आदि लगाएं. फिर दिनभर फलाहार व्रत रखें और शाम को पीले रंग का भोजन ग्रहण कर लें.


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