Teacher’s Day 2021: हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teacher’s Day 2021) मनाया जाता है. इसदिन को भारत के पहले उप राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में मनाया जाता है. ऐसे में आज के इस खास दिन हम बिहार के पांच महान शिक्षकों के बारे में आपको बताते हैं, जो आधुनिक बिहार व हिन्दुस्तान को विश्वगुरू बनाने के लिए अगली पीढ़ी को लगातार शिक्षित करने का काम कर रहे हैं. जिन शिक्षकों ने बिहार ही नहीं बल्कि देश और दुनिया में शिक्षा के क्षेत्र में अपना नाम किया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आनंद कुमार 
इस लिस्ट में सबसे पहला नाम आनंद कुमार (Anand Kumar) का आता है. सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार के गांव का नाम देवधा है, जो पटना से करीब 25 किलोमीटर दूर है. इस गांव को लोग जितना देवधा नाम से जानते हैं उससे ज्यादा आनंद के गांव के रूप में. आनंद कुमार सुपर 30 के संस्थापक हैं. आनंद कुमार गरीब छात्रों को IIT की फ्री में कोचिंग क्लास देते हैं. आनंद कुमार एक गणितज्ञ होने के साथ-साथ एक अच्छे शिक्षक भी हैं. आनंद कुमार एक ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने गरीब छात्रों को मुफ्त में शिक्षा देकर उनकी काबिलियत को समझा है. इनका मुख्य उद्देश्य है कि गरीब छात्रों को IIT JEE में प्रवेश के लिए तैयारी कराना. खासकर ऐसे छात्र जो पैसे की कमी के बावजूद IIT में प्रवेश पाने का सपने देखता है. इसी वजह से इनके जीवन पर न सिर्फ एक फिल्म बनी है बल्कि इनको कई सारे राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय सम्मान से भी सम्मानित किया गया है. 


आरके श्रीवास्तव
गुरुदक्षिणा वाले आरके श्रीवास्तव ( रजनी कांत श्रीवास्तव) बिहार के जाने-माने शिक्षक एवं विद्वान हैं. मैथमेटिक्स गुरु के नाम से मशहूर आरके श्रीवास्तव का जन्म बिहार राज्य के रोहतास जिले के बिक्रमगंज गांव में हुआ. अपने शुरुआती क्लासेज आरके श्रीवास्तव ने अपने मातृभूमि बिक्रमगंज से पढ़ाना प्रारम्भ किया. आरके श्रीवास्तव ने अपने गांव के असहाय निर्धन सैकड़ो स्टूडेंट्स को निशुल्क शिक्षा देकर आईआईटी, एनआईटी , बीसीईसीई में सफलता दिलाया. इनकी मदद से आज सैकड़ों निर्धन स्टूडेंट्स अपने गरीबी को काफी पीछे छोड़ अपने सपने को पंख लगा रहे हैं.


एचसी वर्मा
बिहार के रहने वाले एचसी वर्मा (HC Verma) भौतिक विज्ञानी हैं, जिन्होंने 'कॉन्सेप्ट्स ऑफ फिजिक्स' नाम की एक किताब लिखी है. इस किताब का इस्तेमाल बहुत से स्कूलों में किया जाता है. दावे में कहा गया है कि वर्मा को उनकी किताब के लिए 1 करोड़ रुपये की रॉयल्टी मिलती है. जिसे वे प्रधानमंत्री राहत कोष में दान करते हैं और सादा जीवन जीते हैं. आज भी इंजीनियरिंग की तैयारी करने वाले व पढ़ाई करने वाले छात्रों के बीच एचसी वर्मा के किताब की काफी लोकप्रियता है. 


खान सर
जो भी छात्र आज सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं? वह खान सर के बारे में जरुर जानते होंगे आखिर  खान सर (Khan Sir) कौन है? खान सर कौन जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में इतने कम समय में कितना नाम कमा लिया है? खान सर के बारे में आज का आर्टिकल में हम जानेंगे कि कैसे उन्होंने अपनी सारी मुसीबतों को पार करते हुए एक नई शिक्षा का आंदोलन चलाया, जिसके जरिए वह बहुत से छात्रों के भविष्य को रोशन कर रहे हैं.  खान सर पेशे से एक अध्यापक है. वर्तमान में खान सर एक यूट्यूब चैनल पर कोचिंग क्लासेज देते है इस चैनल का नाम Khan GS Research Centre है. इसके अलावा खान सर ऑफलाइन कोचिंग भी पढ़ाते हैं. इनकी कोचिंग अटेंड करने के लिए एक बार में लगभग 2000 से ज्यादा विद्यार्थी आते हैं. इसके आलावा खान सर ने अनेक पुस्तके लिखी है जैसे जनरल नॉलिज, और साइंस आदि पुस्तके और इन्होंने उर्दू भाषा में भी पुस्तक लिखी है.


अभयानंद 
बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक (Ex DGP of Bihar) अभयानंद  बिहार के लोकप्रिय पुलिस अधिकारी के साथ ही साथ लोकप्रिय शिक्षक भी रहे हैं. वह पहले आनंद कुमार के साथ सुपर 30 चलाते थे लेकिन बाद में उन्होंने अकेले ही सुपर 30 चलाने का फैसला किया. इसके बाद वह बच्चों को फ्री में रहने खाने व पढ़ने का खर्च देकर अपने संस्थान में रखकर आईआईटी की तैयारी करवाने लगे. यही नहीं भ्रष्‍टाचार के खिलाफ भी उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर लोगों को जोड़ने का काम किया था.