पटनाः बिहार के पश्चिमी चंपारण के कचहरी टोला में प्रशांत किशोर ने लोगों से शराबबंदी पर बात करते हुए कहा कि नीतीश कुमार कहते हैं कि बिहार की सभी महिलाएं शराबबंदी के नाम पर उनको वोट करती हैं, लेकिन हम में से कोई भी इस बात से अनभिज्ञ नहीं है कि घरों में शराब की होम डिलीवरी हो रही है. अफसरशाही का आलम ऐसा है कि गरीब व्यक्ति को अफसर पकड़कर डंडे मार कर पैसे कमाते है और अमीर व्यक्ति अंग्रेजी शराब पीता रहता है.  


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इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि जब बिहार में शराबबंदी लागू है. ऐसे में फिर जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत कैसे हो सकती है. जदयू संसदीय दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार में शराबबंदी को असफल बताया है. दरअसल, पत्रकारों ने उपेंद्र कुशवाहा से सवाल पूछा था कि-क्या बिहार में शराबबंदी सफल है? इस पर जदयू नेता ने कहा-आपको क्या लगता है?


उपेंद्र कुशवाहा ने क्या कहा?
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि, 'बिहार में शराबबंदी सफल नहीं है. सिर्फ सरकार और नेताओं के कह देने से कि बिहार में शराबबंदी सफल है यह संभव नहीं है. लेकिन शराबबंदी से बिहार को फायदा जरूर हुआ है. जितना अधिक शराबबंदी सफल होगा उतना अधिक बिहार को फायदा मिलेगा.'


'कड़ी तोड़ना जरूरी'
जेडीयू नेता ने आगे कहा, 'सरकार शराबबंदी को लेकर नई कौन सी योजना लेकर आई है यह मुझे मालूम नहीं है लेकिन शराब बेचने और पीने वालों में से किसी एक कड़ी को भी तोड़ दिया जाए तो शराबबंदी सफल हो जाएगी.'


वहीं इस मामले पर बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा, मैं उपेंद्र कुशवाहा को बधाई देता हूं कि उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि प्रदेश में शराबबंदी पूरी तरीके से फेल हो चुकी है, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आखिर यह बात क्यों नहीं समझ में आती जो बात उनके सहयोगियों को आ जाती है. जीतन राम मांझी ने भी कई दफे शराबबंदी पर सवाल उठाए हैं.'
इनपुट- धीरज ठाकुर


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