पटना : पटना के पास स्थित फतुहा के गोविंदपुर गांव में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अचानक से गांव की जमीन पर दावा किया कि यह उनकी जमीन है और उस पर लोगों ने अवैध कब्जा किया हुआ है. वक्फ बोर्ड ने गांववालों को 30 दिन के अंदर जमीन खाली करने का नोटिस जारी कर दिया. इसके बाद पटना डीएम का भी आदेश आया कि जमीन वक्फ बोर्ड की है और उसे तुरंत खाली किया जाए. इस आदेश के बाद गांववालों में हड़कंप मच गया. लोग अपने जमीन के कागजात लेकर डीएम ऑफिस से लेकर वक्फ बोर्ड तक दौड़ते रहे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. डीएम ऑफिस ने उन्हें वक्फ ट्रिब्यूनल में मामला सुलझाने को कहा, क्योंकि वक्फ से जुड़ा मामला वहीं सुलझाया जा सकता था.


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जानकारी के लिए बता दें कि वक्फ बोर्ड ने दावा किया कि खाता संख्या 217 पर स्थित कई घर उनकी जमीन पर बने हैं और यह जमीन 1959 में वक्फ के नाम रजिस्ट्री की गई थी. जब गांववालों ने पूछा कि किसने जमीन दान दी है और क्या सबूत हैं, तो वक्फ बोर्ड ने कोई जवाब नहीं दिया. गांववालों ने सूचनाओं के लिए आरटीआई दायर किया, लेकिन कई बार आरटीआई का जवाब नहीं दिया गया. जब आखिरकार जवाब मिला, तो उसमें जमीन दान करने वाले व्यक्ति का नाम खाली छोड़ा गया था. यह देख गांववाले हैरान रह गए.


इसके साथ ही इस मामले की खबर फैलने के बाद जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) ने इस पर संज्ञान लिया. गुरुवार को जेपीसी की टीम फतुहा पहुंची और मामले की जांच की. बिहार के सांसद और जेपीसी सदस्य संजय जायसवाल ने बताया कि वक्फ बोर्ड की यह कार्रवाई अवैध है और गांववालों की जमीन को किसी भी हालत में वक्फ को नहीं दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले को केस स्टडी के रूप में जेपीसी में पेश किया जाएगा और गांववालों को गवाह के रूप में दिल्ली बुलाया जाएगा.


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