Rahu-Ketu Upay: राहु-केतु को ज्योतिष में छाया ग्रह कहा जाता है और इनका प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर गहरा होता है. राहु एक मायावी ग्रह है जो हमेशा वक्री गति से चलता है. जब सभी ग्रह समय-समय पर राशि बदलते हैं, तो राहु-केतु भी इसी प्रकार राशि परिवर्तन करते हैं.


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ज्योतिष के अनुसार राहु-केतु किसी राशि में 18 महीने या डेढ़ साल तक रहते हैं, फिर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं. जहां राहु-केतु होते हैं, वहां इन ग्रहों का प्रभाव बड़ा होता है और वे अन्य राशियों को भी प्रभावित कर सकते हैं. व्यक्ति की कुंडली में भी राहु-केतु दोष होने से जीवन में अनेक परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं. इसलिए ज्योतिष में राहु-केतु के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए उपाय बताए गए हैं.


राहु 30 अक्टूबर 2023 को मेष राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करता है, जबकि केतु तुला राशि से कन्या राशि में जाता है. इससे 18 मई 2025 तक राहु मीन और केतु कन्या राशि में रहेंगे. राहु-केतु को ज्योतिष में पापी ग्रह माना जाता है, क्योंकि इनके नकारात्मक प्रभाव से जीवन में कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.


राहु-केतु के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए कुछ उपाय हैं.


  • रविवार को कन्याओं को हलवा, पूरी और दही खिलाएं और उनके पैरों को छूकर आशीर्वाद लें. 

  • काले कुत्ते को रोटी खिलाएं, जो राहु-केतु दोष को कम करने में मदद कर सकता है.

  • गोमेद रत्न पहनें, जो राहु दोष को दूर करने में सहायक हो सकता है.

  • भगवान श्रीकृष्ण की शेषनाग के ऊपर नृत्य करते हुए तस्वीर रखने से भी राहु-केतु का प्रभाव कम हो सकता है.

  • जौ, सरसों, सतनाज, सिक्का, नीले वस्त्र, कांच की वस्तुएं दान करने से भी राहु-केतु का अशुभ प्रभाव कम हो सकता है.

  • बुधवार के दिन बुध के नक्षत्र में अश्वगंधा या अस्गंध मूल धारण करने से केतु दोष को दूर करने में मदद मिल सकती है.

  • 9 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से भी केतु दोष को कम किया जा सकता है.


Disclaimer: ये उपाय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हैं और इनका प्रभाव व्यक्ति के जीवन में सुधार करने में मदद कर सकता है. हालांकि, सभी को इसे अपनाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए.


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