पटना: Identify Fake GST Bill: जीएसटी के अधिकारियों ने फेक जीएसटी बिलों को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं. जीएसटी परिषद के अनुसार देश में जीएसटी धोखाधड़ी का सबसे बड़ा हिस्सा नकली चालान बिल्स के माध्यम से होता है. 2017 में वस्तु और सेवा कर (GST) को लागू करके देश में टैक्सेशन सिस्टम को सरल बनाने का प्रयास किया गया था जिसमें वैध सर्विस टैक्स आदि जैसे कई अप्रत्यक्ष करों को हटाया गया.


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साथ ही बता दें कि जीएसटी के तहत प्रत्येक रजिस्टर्ड बिजनेस को एक चालान जारी करना आवश्यक होता है, जिसमें एक वैध जीएसटीआईएन शामिल होता है, जो इंटीग्रेटेड जीएसटी, राज्य जीएसटी और राज्य जीएसटी का ब्रेकअप दर्शाएगा. लेकिन हर नए सिस्टम की तरह कई धोखेबाज जीएसटी सिस्टम का लाभ उठाने लगे हैं.


फेक जीएसटी बिलों की पहचान के लिए आप निम्नलिखित तरीकों का अनुसरण कर सकते हैं.


GSTIN की ऐसे करें जांच


जीएसटीआईएन (GSTIN) की जांच के लिए आप आधिकारिक जीएसटी पोर्टल https://www.gst.gov.in/ पर जा सकते हैं. 'सर्च टैक्सपेयर' का चयन करके आप जीएसटीआईएन नंबर की जांच कर सकते हैं. सही GSTIN के लिए डिटेल्स पोर्टल पर उपलब्ध होंगी, जबकि फेक नंबर के लिए कोई जानकारी नहीं मिलेगी.


GSTIN फॉर्मेट की होनी चाहिए समझ


GSTIN फॉर्मेट को समझकर आप असली और नकली नंबरों की पहचान कर सकते हैं. यह 15 अंकों का नंबर होता है और इसमें विभिन्न सेगमेंट्स होते हैं जो विभिन्न जानकारी प्रदान करते हैं.


नकली जीएसटी चालान की यह है रिपोर्ट


यदि आपको लगता है कि आपको नकली जीएसटी बिल मिला है, तो आप इसे जीएसटी पोर्टल पर रिपोर्ट कर सकते हैं. 'सीबीईसी मित्र हेल्पडेस्क' और 'रेज वेब टिकट' पर शिकायत करने के लिए जीएसटी पोर्टल का उपयोग करें. आप ईमेल (cbecmitra.heldesk@icegate.gov.in) और GST के आधिकारिक ट्विटर हैंडल के माध्यम से भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं. साथ ही फेक जीएसटी बिलों से बचने के लिए सतर्क रहें और उपरोक्त तरीकों का सही तरीके से अनुसरण करें. इससे आप नकली बिलों से बच सकते हैं और अपने व्यापार को सुरक्षित रख सकते हैं.


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