Patna: कोरोना को लेकर आईसीएमआर (ICMR) के ताजा सर्वे में देश के 67.6% लोगों में कोरोना एंटीबॉडी बनने का दावा किया गया है. यानी कि 67.6% आबादी में कोरोना प्रतिरोधक क्षमता (Corona Immunity) विकसित हो गई है. साथ ही रिपोर्ट में ये बात भी सामने आई है कि बच्चों में संक्रमण (Coronavirus) का अपेक्षाकृत खतरा कम है. ऐसे में इस बात की संभावना हो रही है कि झारखंड में बच्चों के लिए स्कूल खोले जा सकते हैं. स्कूल खोले जाने के मसले पर जी न्यूज ने राजधानी रांची के पेरेंट्स से समझने की कोशिश की. इस दौरान आइए जानते हैं कि परिजन क्या सोचते हैं?


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रांची की सीमा सिंह ने कहा कि स्कूल खोलने से पहले हम राज्य सरकार की तीसरी लहर को लेकर कितनी तैयारी है, हम ये जाना चाहेगें. ताकि परिजन भी थोड़ा निश्चिन्त हो सकें और बच्चों को निडर होकर स्कूल भेज सकें. हम सब अभिभावक चाहते बच्चे स्कूल जाएं, लेकिन अभी डर है ,अभी कहा नहीं जा सकता क्या होगा, नहीं होगा.


इसके अलावा, रांची के मनोज कुमार भी एक अभिभावक के तौर पर कहते हैं अगर स्कूल खुल जायेगा या स्कूल द्वारा बच्चो को भेजने बोला जाएगा तो लाचारी में भेजना पड़ेगा. पर मेरे हिसाब से अभी स्कूल भेजने खतरनाक है. तीसरे वेव को देखलें,कहा जा रहा है अगस्त में आएगा. अगर नहीं आता है तो सितम्बर से स्कूल खोला जा सकता है. अगस्त और सितम्बर तक तो नहीं खोलना चाहिए.


रांची की ही रहने वाली एक अन्य महिला का कहना है कि एक अभिभावक के तौर पर थर्ड वेब की जिस तरह चर्चा हो रही है अभी स्कूल नहीं खोलना ही बेहतर होगा. ऑन लाइन क्लाश चल रहा है, पर एज ए पेरेंट्स मेरा मानना है अभी स्कूल न ही खुले तो ही बेहतर है.


रांची की नीलम झा की मानें तो अभी स्कूल नहीं खुलना चाहिए. स्कूल खुलेगें तो बच्चे कंट्रोल से बाहर हो जायेगें. मास्क ,सोशल डिस्टनसिंग का बच्चे पालन नहीं कर पायेगें. इसलिए जब तक बच्चों का टीकाकरण न हो जाये स्कूल न खुले. धीरज कुमार भी कहते हैं जैसी स्थिति है थर्ड वेब को देख लें तभी स्कूल खुले. अभी न ही खुले स्कूल तो ही अच्छा है.