Independence Day 2023:  15 अगस्त 1947 का दिन जब भारत एक गणराज्य के रूप में स्वतंत्र तो हो गया. यह एक स्वतंत्र देश की श्रेणी में तो शामिल हो गया. अंग्रेजों की गुलामी से आजादी के बाद देश के लोग हर्ष मना रहे थे. लेकिन कितनों को तब से लेकर अब तक आजादी के इतिहास के कुछ ऐसे पहलू रहे हैं जिसके बारे में पता ही नहीं था. भारत को 20 फरवरी 1947 को ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री क्लेमेंट एटली ने एक अलग राष्ट्र के रूप में स्वीकार कर लिया था. हालांकि 15 अगस्त 1947 को आजादी भले मिली लेकिन कम लोग ही जानते हैं कि  20 फरवरी 1947 को ब्रिटेन ने भारत को अलग राष्ट्र के रूप में माना तो उसे 30 जून 1948 तक नयी सरकार के गठन का समय दिया था. 


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भारत से एक दिन पहले 14 अगस्त को पाकिस्तान आजाद हुआ लेकिन दोनों देशों के बीच कोई निश्चित सीमा रेखा तब तय नहीं की गई थी. दोनों देशों के लिए 17 अगस्त को रेडक्लिफ लाइन की घोषणा की गई. बता दें कि भारत के अलावा दुनिया के तीन और देश हैं जो 15 अगस्त को ही अपना स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं इन देशों में दक्षिण कोरिया,  कांगों और बहरीन है. बता दें कि जब भारत को आजादी मिली तो पूरे देश दंगों की आग में झुलस रहा था यही वजह रही की महात्मा गांधी आजादी के समारोह में हिस्सा नहीं ले पाए. 


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बता दें कि पहली बार हमारे देश में 15 अगस्त की जगह 16 अगस्त 1947 को लाल किले से तिरंगा फहराया गया था. भारत को आजादी मिलने के साथ एक देश के रूप में संगठित बनाने के लिए तब 562 रियासतों को एक साथ विलय करवाया गया जिसमें सरदार पटेल की भूमिका सबसे अहम रही. भारत को आजादी के बाद अपना राष्ट्रगान जन गण मन जो 1911 में लिखा गया था उसे 1950 में अंगीकार किया गया. 


जब भारत को आजादी मिली तो कुल 17 राज्य थे. इसके साथ ही आपको बता दें कि भारत की आजादी के वक्त 1 डॉलर एक रुपए के बराबर और सोना 10 ग्राम की कीमत 88 रुपए 62 पैसे था. जब भारत को आजादी मिली तो गोवा हमारे देश का हिस्सा नहीं था 19 दिसंबर 1961 को भारत की सेना ने इसे पुर्तगालियों से आजाद कराकर देश का हिस्सा बनाया. वहीं 1975 में सिक्किम जो तब तक केवल भारतीय संरक्षित क्षेत्र उसे भी भारतीय संघ में शामिल किया गया और वह तब हमारा 22वां और अंतिम शामिल होने वाला राज्य बना. 


हालांकि इस सबसे भी अधिक चौंकाने वाला तथ्य यह है कि भारत का राष्ट्रीय ध्वज 7 अगस्त 1906 को ही कलकत्ता के पारसी बगान स्क्वायर में फहराया गया था. जबकि यह भी तब से लेकर अबतक इतिंहास का हिस्सा रहा रहा है कि भारत ने एक लाख वर्षों में कभी किसी देश पर हमला नहीं किया है.