Indian Railway: जो लोग प्लेन से सफर करते हैं या फिर जिन्होंने प्लेन से सफर किया हैं, उनको पता होगा कि हर फ्लाइट के अंदर एक ब्लैक बॉक्स लगा होता है, जिसके अंदर फ्लाइट के ऑपरेशन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां होती है. प्लेन में लगे इस ब्लैक बॉक्स के माध्यम से यात्रियों को पता चलता है कि किसी दुर्घटना के समय प्लेन के साथ क्या हुआ. बता दें, प्लेन के ब्लैक बॉक्स में दो अहम हिस्से होते हैं. पहला फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR), जो प्लेन के उड़ान के दौरान होने वाली सभी तरह की तकनीकी जानकारी, जैसे- स्पीड, हाइट, डायरेक्शन, फ्यूल लेवल समेत अन्य जानकारियों को रिकॉर्ड करता है. दूसरा कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR), इसका इस्तेमाल हवाई जहाज के कॉकपिट में पायलटों की बातचीत को रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है. प्लेन में लगे ब्लैक बॉक्स का इस्तेमाल हवाई जहाज की दुर्घटना जांच में होता है, जिससे घटना की वजह के बारे में जानकारी मिलती है. 


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प्लेन में लगे ब्लैक बॉक्स के तरह की भारतीय रेलवे के ट्रेन के इंजनों में क्रू वाॅयस वीडियो रिकॉर्डिंग सिस्टम (CVVRS) यानी ब्लैक बॉक्स लगा होता है, जिससे प्लेन एक्सीडेंट के तरह ही ट्रेन एक्सीडेंट के बारे में जानकारी मिलती है. ट्रेन के इंजन में लगे ब्लैक बॉक्स से दुर्घटना की वजह के बारे में जानकारी प्राप्त होती है. 


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बता दें कि ब्लैक बॉक्स एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जिसका इस्तेमाल हवाई जहाज के साथ ट्रेनों में भी किया जाता है. प्लेन हो या ट्रेन, ब्लैक बॉक्स किसी भी तरह की दुर्घटना के बाद, कारण की जानकारी प्राप्त करने का सबसे ज्यादा उपयोगी उपकरण में से एक है. 


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