Patna: बिहार के नालंदा विश्वविद्यालय और इंडोनेशिया के जागी विश्वविद्यालय के बीच गुरुवार को आसियान इंडिया नेटवर्क ऑफ यूनिवर्सिटी कंसोर्टियम के तहत समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया. दोनों विश्वविद्यालय अकादमिक आदान-प्रदान, अनुसंधान कार्यक्रमों और अन्य शैक्षणिक गतिविधियों में संयुक्त रूप से संलग्न होने पर सहमत हुए.


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इस मौके पर जांबी विश्वविद्यालय के डिप्टी रेक्टर डॉ. इर तेजा करवरी के नेतृत्व में इंडोनेशिया से आए प्रतिनिधिमंडल में अंतर्राष्ट्रीय मामलों के प्रमुख वाचवूनी के साथ अनुसंधान और सामुदायिक सेवा संस्थान के प्रमुख डॉ अडे ओक्टाविया और अन्य प्रतिष्ठित विद्वान सम्मिलित रहे. इस अवसर पर नालंदा विश्वविद्यालय के अंतरिम कुलपति प्रो. अभय कुमार सिंह ने कहा कि इस पहल से भारत और इंडोनेशिया के बीच प्राचीन संबंध और भी समृद्ध होंगे. उन्होंने दोनों देशों के बीच प्राचीन सभ्यतागत मूल्यों को पुनर्जीवित करने की प्रतिबद्धता पर ध्यान केंद्रित किया.


उन्होंने कहा कि आसियान-भारत नेटवर्क में शामिल होकर जंबी विश्वविद्यालय ने इन दोनों देशों के बीच प्राचीन संबंधों के पुनर्विकास की और एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि यह एमओयू भविष्य में एआईएनयू संघ के सदस्य विश्वविद्यालयों के शिक्षाविदों के बीच एक उद्देश्यपूर्ण संवाद स्थापित करने में सहयोगी होगा.


जाबी विश्वविद्यालय के डिप्टी रेक्टर डॉ. इर. तेजा कस्वरी ने पुराने सभ्यतागत मूल्यों को याद करते हुए कहा की नालंदा के इस नए अवतार में ज्ञान परंपराओं का एक बार फिर विकास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि दोनों विश्वविद्यालय पारस्परिक सहयोग की भावना से एक साथ आ रहे हैं. उन्होंने नालंदा के पर्यावरण देखभाल और सौंदर्य निर्माण की सराहना की.


नालंदा विश्वविद्यालय आसियान-भारत नेटवर्क के लिए नोडल संस्थान के रूप में कार्यरत है. इस एमओयू पर हस्ताक्षर के कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की निवर्तमान कुलपति प्रोफेसर सुनैना सिंह भी उपस्थित रहीं. फिलहाल नालंदा विश्वविद्यालय में लगभग 38 राष्ट्रीयताओं के छात्र है .


(इनपुट आईएएनएस के साथ)