बालू, दारू और लकड़ी में पैसा लेते हैं जमुई के अधिकारी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नहीं मिल पाने पर फूटा ग्रामीणों का गुस्सा
Bihar News : मुख्यमंत्री के समर्थकों को भी कॉजबे के पास जाने पर रोक लगा दी गई. इस कारण ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और बिहार सरकार के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए. ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के खिलाफ भी जमकर आक्रोश जताते हुए नारेबाजी की.
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को जमुई जिले के सोनो प्रखंड क्षेत्र में बरनार नदी पर बने चुरहैत कॉजवे के क्षतिग्रस्त होने के बाद निरीक्षण करने पहुंचे. उनके साथ मंत्री सुमित कुमार सिंह, एमएलसी संजय प्रसाद सिंह, पूर्व एमएलसी संजय प्रसाद, नवनियुक्त जिलाधिकारी राकेश कुमार, तत्कालीन जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह, एसपी डॉक्टर शौर्य सुमन, एसडीओ अभय कुमार तिवारी सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी शामिल थे. मुख्यमंत्री जब कॉजवे का निरीक्षण करने गए तब मीडिया कर्मियों को न्यूज़ कवरेज से रोक दिया गया.
साथ ही ग्रामीणों और मुख्यमंत्री के समर्थकों को भी कॉजबे के पास जाने पर रोक लगा दी गई. इस कारण ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और बिहार सरकार के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए. ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के खिलाफ भी जमकर आक्रोश जताते हुए नारेबाजी की.
ग्रामीणों का आरोप है कि उन्हें मुख्यमंत्री के निरीक्षण के दौरान कॉजवे के समीप जाने से रोका गया और जिन पदाधिकारी के द्वारा रोका गया है, उन्हीं पदाधिकारी की मिलीभगत से यहां कौजवे के निर्माण में लूट हुई है. ग्रामीणों का दावा है कि कॉजवे के निर्माण में पूरी तरीके से अनियमित बरती गई है.
गांव के लोगों ने बताया कि यहां के सभी पदाधिकारी बालू, दारू और लकड़ी में पैसा लेते हैं. इसलिए किसी ग्रामीण को मुख्यमंत्री के समक्ष जाने नहीं दिया गया. वे लोग भी मुख्यमंत्री से कुछ बातें करना चाहते थे. इस दौरान ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया और मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए जमकर बवाल काटा.
इनपुट - अभिषेक निराला
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