Patna: नीति आयोग के रिपोर्ट में विकास के पैमाने पर बिहार फिसड्डी साबित हुआ है. वहीं इस रिपोर्ट के बाद सत्ताधारी JDU की नींद उड़ी हुई है. सरकार की तरफ से किए जा रहे विकास के दावे की पोल खुल गई है. हालांकि, इस बीच एक बार फिर से विशेष राज्य के दर्जे की मांग शुरु हो गई है. कई सियासी दलों के नेताओं ने बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग की है.


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बता दें कि नीति आयोग के तरफ से आई SDG यानी Sustainable Development Goals की रिपोर्ट में बिहार को सबसे फिसड्डी दिखाया गया है. इस पर राजनीति शुरू हो गई है, RJD ने इसी बहाने नीतीश कुमार को निशाने पर लिया है. पार्टी की तरफ शक्ति यादव ने निशाना साधते हुए कहा कि, 'राज्य में डबल इंजन की सरकार है 39 सांसद है तो फिर वही राग क्यों?'


वहीं, कांग्रेस नेता प्रेम रंजन मिश्रा ने निशाना साधते हुए कहा कि 'इस मसले पर फंसी बीजेपी इसके लिए पिछली सरकार के बनाए गए नियमों की दलील दे रही है, और सफाई में कहा जा रहा है कि बिहार को स्पेशल पैकेज मिला है.'


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इधर, विपक्ष के हमले के बीच JDU नेता उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी, बिहार-झारखंड विभाजन उपरांत प्राकृतिक संपदाओं का अभाव और बिहारवासियों पर प्राकृतिक आपदाओं का लगातार दंश के बावजूद नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में NDA सरकार अपने कुशल प्रबंधन से बिहार में विकास की गति देने में लगी है. लेकिन वर्तमान दर पर अन्य राज्यों की बराबरी संभव नहीं है. नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट इसका प्रमाण है. अतः विनम्र निवेदन है कि 'बिहार को विशेष राज्य का दर्जा' देने की जेड़ीयू की वर्षो लंबित मांग पर विचार करें और बिहार वासियों को न्याय दें.'


दरसल, साल 2017 में नीतीश कुमार रातों-रात पाला बदलकर बीजेपी के साथ चले गए थे, इसके बाद नीतीश कुमार ने विशेष दर्जे की मांग को उठाना छोड़ दिया था, हालांकि, कई मौके पर विपक्ष ने इस मुद्देपर सरकार को घेरा है.


(इनपुट-आशुतोष चंद्र)