Bihar Samachar: विपक्ष के हमले पर एनडीए ने पलटवार किया है. जेडीयू नेता नीरज कुमार ने विजय प्रकाश पर पलटवार करते हुए कहा कि 'लॉ एंड आर्डर पर विपक्ष ज्ञान न दे तो बेहतर है. पहले लोग घर से निकलने में डरते थे.'
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Patna: बिहार में लॉ एंड ऑर्डर को लेकर फिर से राजनीति शुरू हो गई है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि अपराध का ग्राफ बिहार में तेजी से बढ़ा है. आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं, जिसे लेकर सरकार फिर परेशान है.
पिछले दिनों ही सीएम ने इस मुद्दे पर बैठक कर संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे जिसके बाद मौका विपक्ष के हाथों में आ गया और उन्होंने लगे हाथ आंकड़ों के जरिए सरकार की यूएसपी पर निशाना साध दिया. इसके बाद जवाब में NDA ने भी पलटवार किया और लालू-राबड़ी शासनकाल की याद दिलाई.
सरकार पर क्यों सवाल उठा रहा विपक्ष
बता दें कि साल 2020 के पहले तीन महीनों में कुल संज्ञेय अपराध 62,659 हुए थे. लेकिन 2021 में पहले तीन महीने में 69,342 संज्ञेय अपराध हुए. आंकड़ों के अनुसार, साल 2021 के पहले तीन महीनों में 640 मर्डर हुए हैं, जिनमें से अकेले पटना में सबसे ज्यादा 40 मर्डर हुए हैं. वहीं, साल के पहले तीन महीने में डकैती के 72 और रॉबरी के 665 केस दर्ज हुए हैं. जबकि इस दौरान चोरी के 9,655 और दंगे के 1444 केस दर्ज हुए. साथ ही किडनैपिंग के कुल 2,657 और रेप के 357 केस दर्ज हुए हैं.
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वहीं, एक तरफ आरजेडी नेता विजय प्रकाश ने इन आंकड़ों को लेकर नीतीश सरकार पर निशाना साधा और कहा कि 'सीएम नीतीश पिछले 15 सालों से सिर्फ समीक्षा ही कर रहे हैं लेकिन अपराधियों पर अंकुश अबतक नहीं लग सका है.' जबकि कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि 'नीतीश कुमार लॉ एंड आर्डर पर समीक्षा सिर्फ अखबारों में छपने और टेलीविजन पर दिखने के लिए करते हैं. जबतक अच्छे पदाधिकारियों की पोस्टिंग फिल्ड में नहीं की जाएगी तब तक नतीजे नहीं आएंगे.'
इधर, विपक्ष के हमले पर एनडीए ने पलटवार किया है. जेडीयू नेता नीरज कुमार ने विजय प्रकाश पर पलटवार करते हुए कहा कि 'लॉ एंड आर्डर पर विपक्ष ज्ञान न दे तो बेहतर है. पहले लोग घर से निकलने में डरते थे, रास्ते में बगलामुखी जाप करते जाते थे. अब बिना डरे घूम रहे हैं.'
बीजेपी नेता नवल किशोर ने आरजेडी पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि 'सीएम हाउस से फिरौती या अपहरण नहीं करवा रहे जो पहले हुआ करता था. विपक्ष अगर हमारे काम से नाखुश है तब इसका मतलब है कि काम अच्छा हो रहा है. विपक्ष नाखुश रहे वही बेहतर है.
हालांकि, सत्ता पक्ष भले ही विपक्ष के सवालों को झूठला दे लेकिन आंकड़ों को कैसे झुठलाया जा सकता है.
(इनपुट- अभिजीत)