JDU अध्यक्ष ललन सिंह का BJP पर आरोप, कहा- ``साबित हो गया पर्दे के पीछे का खेल
बिहार भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद संजय जायसवाल ने कहा कि बिहार में जदयू पूरी तरह से आप प्रासंगिक हो चुकी है जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष इनदिनों तल्ख तेवर में बयान दे रहे हैं उन्हें पहले सोचना चाहिए कि जब वह अपने बल पर चुनाव लड़ रहे थे तो कैसे उनकी एक लाख से अधिक वोटो से हार हुई थी.
पटना: जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने जातीय जनगणना को लेकर एक बार फिर से बीजेपी पर निशाना साधा है. ललन सिंह ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि साबित हो गया पर्दे के पीछे बीजेपी का खेल,जाति गणना पर सुनवाई से सबकुछ हुआ साफ हो गया.
उन्होंने कहा कि बीजेपी नगर निकाय चुनाव में भी यही खेल किया था. ललन सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसीटर जनरल के हाजिर होने से साबित हो गया कि बीजेपी गरीबी विरोधी है, अति पिछड़ा विरोधी है और आरक्षण विरोधी है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में हाजिर होकर पीआईएल के पक्ष में बोले हैं इससे स्पष्ट हो गया कि इसके पीछे बीजेपी है. उन्होंने कहा कि बीजेपी शुरू से जातीय जनगणना का विरोध करते आ रही है लेकिन अभी तक पर्दे के पीछे से कर रही थी लेकिन इस बार साबित हो गया कि बीजेपी गरीब विरोधी है.
बिहार में जदयू हो गई है अप्रसांगिक : सांसद संजय जायसवाल
बिहार भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद संजय जायसवाल ने कहा कि बिहार में जदयू पूरी तरह से आप प्रासंगिक हो चुकी है जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष इनदिनों तल्ख तेवर में बयान दे रहे हैं उन्हें पहले सोचना चाहिए कि जब वह अपने बल पर चुनाव लड़ रहे थे तो कैसे उनकी एक लाख से अधिक वोटो से हार हुई थी. वह भी चुनाव इस बार तब जीते हैं जब नरेंद्र मोदी का साथ उन्हें मिला है.
वहीं बिहार में बढ़ते अपराध पर बयान देते हुए संजय जयसवाल ने कहा कि बिहार में रोजाना हत्या लूट की घटनाएं हो रही हैं और बिहार का मुखिया यह मानता है कि बिहार में आपराधिक घटनाएं कम हुई है तो ऐसी स्थिति में अपराधियों के अंदर 90 वाली भावना दोबारा से जागृत हो गई. तेज प्रताप यादव पर चुटकी लेते हुए संजय जयसवाल ने कहा कि तेज प्रताप यादव को विभाग की कितनी जानकारी है यह तो ईश्वर ही जानते हैं लेकिन कम से कम उन्हें अटल बिहारी वाजपेई की स्मृति से जुड़ी चीजों पर कोई निर्णय लेने से पहले उनके बारे में जरूर कुछ पढ़ लेना चाहिए.
इनपुट - राज किशोर मधुकर और स्वप्निल सोनल
ये भी पढ़िए- MrityuBhoj Or Death Feast: मृत्युभोज या तेरहवीं क्यों कराई जाती है?