रांची: झारखंड में नगर विकास एवं आवास और पथ निर्माण विभाग में नियुक्त सैकड़ों जूनियर इंजीनियरों को तीन महीने बाद भी पोस्टिंग नहीं मिली है. इनमें कई ऐसे हैं, जो दूसरी जगहों पर नौकरी छोड़कर आए थे. पोस्टिंग नहीं मिलने से इन्हें वेतन का भी भुगतान नहीं हो पा रहा है. झारखंड के सीएम चंपई सोरेन ने 7 मार्च को रांची के शहीद मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम में विभिन्न विभागों में नियुक्त किए गए 2454 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपा गया था. इनमें पथ निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग में कुल 1268 जूनियर इंजीनियर भी शामिल थे.


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नियुक्ति पत्रों के वितरण के दस दिनों के बाद ही आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई और इनमें से ज्यादातर को पोस्टिंग नहीं मिल पाई. अब ये लोग विभागों के चक्कर लगा रहे हैं. नवनियुक्त इंजीनियर सत्यजीत राय का कहना है कि नगर विकास विभाग के वरीय अफसरों के पास कई बार गुहार लगाई जा चुकी है, लेकिन पोस्टिंग के संबंध में स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पा रही है. कई अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा उठाया है. उन्होंने बताया है कि पोस्टिंग और वेतन नहीं मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है. पथ निर्माण विभाग में भी यही स्थिति है. नवनियुक्त जूनियर इंजीनियर सीएम के हाथों मिला नियुक्ति पत्र लेकर पोस्टिंग के लिए परेशान हैं.


झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी शनिवार को सोशल मीडिया एक्स पर यह मुद्दा उठाया है. उन्होंने लिखा है कि नगर विकास विभाग में नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों ने अपनी कड़ी मेहनत से परीक्षा उत्तीर्ण की. मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने मार्च में नियुक्ति पत्र देते समय अपने पोस्टर थमा कर खूब वाहवाही भी बटोरी. अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिले 3 महीने से ज्यादा बीत चुके हैं लेकिन उन्हें अब तक पदस्थापना नहीं मिली है. एक तो नियुक्ति का विज्ञापन नहीं आता, अगर विज्ञापन आया तो परीक्षा नहीं, परीक्षा हुई तो नियुक्ति नहीं. नियुक्ति हुई तो पदस्थापना नहीं. आखिर युवा किस हद तक संघर्ष करें.


इनपुट- आईएएनएस


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