लखीसरायः लखीसराय में बेमौसम बरसात से टमाटर की फसल में झुलसा रोग लग गया है. जिले के बड़हिया प्रखंड क्षेत्र के जखौर एवं उसके आस-पास के गावों में कम मेहनत में अधिक मुनाफा देने वाली सैकड़ों बीघा में लग टमाटर की फसल इस बार बरसात एवं अज्ञात बीमारी के कारण झुलस कर नष्ट हो गई. टमाटर की फसल नष्ट होने से किसान लाखों के कर्ज तले दब गए हैं. लगभग 4 दिनों से लगातार रुक रुककर हो रही बारिश के कारण क्षेत्र में करीब दो करोड़ की टमाटर की फसल बर्बाद हो गई.


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कर्ज में डूबे किसान चिंतित
क्षेत्र के किसान पिछले दस-बारह साल से कम मेहनत के साथ कम समय में अधिक मुनाफा देने वाली टमाटर की फसल की अधिक मात्रा में पैदावार करने लगे थे. लेकिन इस बार की आकस्मिक आफत किसानों के कमर तोड़ कर रख दी है. अब कर्ज में डूबे चिंतित किसान जिला प्रशासन और सूबे के सरकार से मदद का गुहार लगा रही है. किसान संजय सिंह, बिक्रम कुमार, अंजनी सिंह आदि दर्जनों किसानों ने बताया कि जखौर के सभी महाल मिलाकर करीब दो सौ बीघा में टमाटर की खेती करते हैं. इस बार अज्ञात बीमारी के कारण लगे सभी टमाटर का पौधा झुलस गया है. बिचड़ा भी बहुत महंगा मिला. इतनी महंगाई में भी सभी पौधा झुलस गया है. कई बार महंगी दवाई का भी छिड़काव किया लेकिन कुछ नहीं सुधार हुआ. 20 हजार रुपये पट्टा लेकर खेती कर रहे हैं. इस बार किसान बर्बाद हो जाएंगे. सरकार आकलन करवा कर सब सभी किसान को मुआवजा दे.


क्या है झुलसा रोग
टमाटर की अगेती फसल में झुलसा रोग हवा में अधिक नमी तथा फल लगने वाली अवस्था में आता है. इस रोग के शुरुआती लक्षणों में पत्तों के ऊपर गोल गहरे भूरे रंग के धब्बे पड़ते हैं. तने पर पहले अंडाकार तथा फिर बेलनाकार से धब्बे बन जाते हैं. उससे पौधे सूख कर मर जाते हैं. कृषि विशेशज्ञों के मुताबिक जैसे ही टमाटर के पौधों पर इस रोग के लक्षण दिखाई दें तो मैन्कोजेब इण्डोफिल एम-45 का 400 ग्राम प्रति एकड़ 200 लीटर पानी के हिसाब से 10 से 15 दिन के अंतर पर छिड़काव करें. जहां रोग की अधिकता हो वहां पर रोग ग्रस्त पौधों के अवशेषों को पहले एकत्र कर जलाएं. उसके बाद फफूंदनाशक का छिड़काव करें.


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