Patna: आरक्षण बढ़ाने को लेकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक बार फिर से नीतीश सरकार को नसीहत दी है. उन्होंने इसको लेकर कहा है कि राज्य सरकार को खुद ही अपनी तरफ से इसको लेकर पहल करनी होगी. इसके अलावा राज्य में आरक्षण का दायरा भी बढ़ाना चाहिए. 


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राज्य सरकार को करनी चाहिए पहल 


आरक्षण के मुद्दे को लेकर उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों की तरह ही बिहार सरकार को आरक्षण का दायरा बढ़ा देना चाहिये. बिहार में अभी 49 फीसदी आरक्षण का दायरा है और अगर इसमें सवर्ण आरक्षण को भी जोड़ दिया है तो ये 59 प्रतिशत हो जाता है. ऐसे में अब जब दूसरे राज्यों में आरक्षण का दायरा बढ़ रहा है तो राज्य सरकार को इस पर फैसला लेना चाहिए और उन्हें केंद्र सरकार के पीछे नहीं चलना चाहिये. 


उपेंद्र कुशवाहा ने भी किया था समर्थन 


जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने जहां ओबीसी के आरक्षण सीमा बढ़ाने को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव डालने की बात कही है वहीं हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने झारखंड की तर्ज पर बिहार में आरक्षण सीमा बढ़ाने की मांग की है. झारखंड विधानसभा में ओबीसी आरक्षण को 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी करने से संबंधित विधेयक शुक्रवार को पारित कर दिया गया.


जदयू के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि ओबीसी आरक्षण की सीमा 27 फीसदी से बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार पर उनकी पार्टी जदयू दबाव डालेगी. उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि यह केंद्र सरकार का विषय है.


उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि केंद्र के स्तर पर ओबीसी आरक्षण को लागू करने के दौरान काफी कटौती की गयी थी. यह कहना कि 50 फीसदी से अधिक रिजर्वेशन देना संभव नहीं है, इसलिए ओबीसी की इतनी बड़ी आबादी होने के बावजूद सिर्फ 27 फीसदी आरक्षण देने की बात की गयी .


(इनपुट आईएएनएस के साथ)