जमुई: डायरेक्टर सतीश कौशिक की फिल्म `कागज` सिस्टम से परेशान एक ऐसे जिंदा आम आदमी की कहानी है, जिसे सरकारी कागजों में मृत करार कर दिया गया है. हंसी-ठहाकों से भरी ये फिल्म तब एक नया मोड़ ले लेती है जब इस आदमी की पत्नी अपनी मांग में सिंदूर लगाकर, विधवा पेंशन लेने सरकारी दफ्तर पहुंच जाती है. उसी तर्ज का मामला चकाई प्रखंड में भी देखने को मिला है.


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दरअसल, मामला जमुई जिले के चकाई प्रखंड क्षेत्र के एक जीवित महिला का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिए जाने का मामला प्रकाश में आया है. महिला लखपति देवी प्रखंड के माधोपुर पंचायत के बुधुआडीह गांव की निवासी है. इसका मृत्यु प्रमाण पत्र 20 सितंबर 2022 को ही जारी किया गया है. यह मामला तब प्रकाश में आया जब महिला ने बीडीओ को आवेदन देकर  मृत्यु प्रमाण पत्र निरस्त करने की गुहार लगाई. महिला लखपति देवी ने बताया कि उसके जमीन को हड़पने की नीयत से उसके सौतेले बेटे द्वारा उसका मृत्यु प्रमाण पत्र बनबाया गया है.


महिला ने बीडीओ को दिए आवेदन में कहा है कि मैं लखपति देवी पति स्व0 धनेश्वर यादव माधोपुर पंचायत अंतर्गत वार्ड संख्या 11 ग्राम बुधुआडीह का निवासी हूं. अभी जीवित हूं, लेकिन पता नहीं कैसे प्रखंड कार्यालय द्वारा मेरे नाम का मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया गया है. महिला ने बीडीओ से जांच कर निर्गत किये गए मृत्यु प्रमाण पत्र को निरस्त करने की मांग की है. 


इस मामले को लेकर जमुई डीडीसी शशि शेखर चौधरी बताया कि इस तरह की कोई लिखित सूचना हमें अभी प्राप्त नहीं है. गलत प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है तो सांख्यकी विभाग के नोडल पदाधिकारी से उसकी जांच कराई जायेगी. जांच में गलत प्रमाण पत्र जारी करने के लिए दोषी पाये जाने पर संबंधित लोगों पर कार्रवाई की अनुशंसा की जायेगी.


इनपुट- अभिषेक निराला


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