पटनाः भारतीय परंपरा के अनुसार अपने घर में चांदी की मछली रखना बहुत ही शुभ माना जाता है. चांदी की मछली की पूजा करना भगवान गणेश और माता लक्ष्मी को सम्मान देने के समान माना जाता है, क्योंकि यह इन दोनों का प्रतीक है. इससे भाग्योदय होता है. 


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कछुए की अंगूठी खुशी का प्रतीक
कछुए वाली अंगूठी प्यार और खुशी का प्रतीक है. कछुए वाली अंगूठी को उपयुक्त उंगली में पहनने पर आपका भाग्य उदय हो जाता है और आप की समृद्धि बढ़ जाती है.


समृद्धि और सफलता का प्रतीक
कछुए वाली अंगूठी किसी स्टाइल का प्रतीक नहीं है यह समृद्धि और सफलता का प्रतीक है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार कछुआ भगवान विष्णु का एक रूप है. पुरुषों को कछुए वाली अंगूठी को अपने हाथ की मध्य उंगली में पहननी चाहिए. वो इसे सीधे हाथ की तर्जनी उंगली में भी पहन सकते हैं. वहीं उल्टे हाथ की मध्यमा और तर्जनी उंगली में कछुए वाली अंगूठी पहनना उपयुक्त होता है. 


माता लक्ष्मी से है संबंध
शुक्रवार सबसे उत्तम दिन होता है. जब आप कछुआ रूपी अंगूठी को धारण कर सकते हैं. यह माता लक्ष्मी से जुड़ी हुई मानी जाती है.


खुलेगा समृद्धि का रास्ता
वास्तु शास्त्र के अनुसार कछुए वाली अंगूठी सोने और चांदी की पहनी जा सकती है. एक बार आप यदि कछुए वाली अंगूठी पहन लेते हैं तो यह बार-बार घूमती नहीं है. इसका मतलब यह आपकी तरफ समृद्धि का रास्ता खोल रही है.


शुक्रवार को ही खरीदना शुभ 
कछुए वाली अंगूठी शुक्रवार को ही खरीदनी चाहिए, जब आप पूजा कर रहे होते हैं तो इसे हमेशा माता लक्ष्मी की तस्वीर के सामने अगरबत्तियों के साथ रखी जानी चाहिए. इसे पहनने से पहले इसको दूध और पानी के मिश्रण से धोना चाहिए.


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