बेगूसराय वाले कन्हैया कुमार के कांग्रेस में आ सकते हैं अच्छे दिन, पार्टी दे सकती है बहुत बड़ी जिम्मेदारी!
एक तरफ 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को पछाड़ने के लिए विपक्षी एकता का शंखनाद कर चुकी कांग्रेस सभी दलों को साथ लेकर चलने की कवायद में लगी है. वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कांग्रेस एक नया सियासी हथियार लॉन्च करनेवाली है.
Congress: एक तरफ 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को पछाड़ने के लिए विपक्षी एकता का शंखनाद कर चुकी कांग्रेस सभी दलों को साथ लेकर चलने की कवायद में लगी है. वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कांग्रेस एक नया सियासी हथियार लॉन्च करनेवाली है. जिससे आप को दिल्ली में बड़ा झटका लग सके. वैसे आप के खिलाफ कांग्रेस की मंशा भी साफ जाहिर हो चुकी है. कर्नाटक में चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस पॉवर में पहुंची और सिद्धारमैया का शपथ ग्रहण समारोह हुआ तो इसमें शामिल होने के लिए अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के किसी नेता को निमंत्रण ही नहीं दिया गया. वहीं अब कांग्रेस कन्हैया की टक्कर केजरीवाल से कराने की कोशिश में लग गई है.
कांग्रेस पार्टी की तरफ से दिल्ली में होनेवाले अगले विधानसभा चुनाव से पहले केजरीवाल के सामने कन्हैया को ब्रह्मास्त्र के रूप में पार्टी द्वारा उतारे जाने का प्लान है. जिससे अरविंद केजरीवाल के लिए बचना थोड़ा मुश्किल होगा. कांग्रेस पार्टी को पता है कि अगर कन्हैया कुमार को अरविंद केजरीवाल के सामने खड़ा कर दिया गया तो आप की हालत दिल्ली में वैसी नहीं रहेगी जैसी अभी है. ऐसे में कांग्रेस की तरफ से दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमिटी के नए अध्यक् के तौर पर कन्हैया कुमार के नाम की घोषणा की जा सकती है.
एमसीडी चुनाव में मिली इतनी बड़ी हार से कांग्रेस आहत है और वह मौजूदा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी को हटाने का फैसला ले सकती है. कांग्रेस आलाकमान का हौसला कर्नाटक चुनाव में जीत के बाद बढ़ा है और उसका फोकस अब राजस्थान, दिल्ली, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत कई अन्य राज्य बन गए हैं. हालांकि अभी पार्टी की तरफ से राज्यों में होनेवाले संगठनात्मक बदलाव को लेकर कुछ कहा नहीं गया है. फिर भी पार्टी के कार्यकर्ता इस बात की चर्चा जोरों से करने लगे हैं. कांग्रेस को इस बात की भी कसक है कि जो पार्टी आप के आने के पहले दिल्ली में 15 साल तक शासन करती रही उसके एक भी विधायक और सांसद दिल्ली में नहीं हैं. ऐसे में कांग्रेस की नजर सीधे तौर पर अरविंद केजरीवाल की पार्टी पर फोकस करने पर है.
बता दें कि दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कई नाम सामने हैं जिसमें अरविंदर सिंह लवली, देवेंद्र यादव, कन्हैया कुमार का नाम प्रमुखता से सामने आ रहा है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कन्हैया जितना सक्रिय दिखे थे उससे लगने लगा है कि कांग्रेस इसका इनाम कन्हैया को जरूर देगी. पार्टी के कई वरिष्ठ नेता यह तक कह चुके हैं कि राहुल गांधी के बाद कन्हैया कुमार पार्टी के दूसरे सबसे पॉपुलर नेता हैं. ऐसे में दिल्ली कांग्रेस की कमान उनको सौंपी जा सकती है.
वैसे आपको बता दें कि कन्हैया कुमार बिहार के बेगूसराय के रहनेवाले हैं और वह वहीं से भाजपा के सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ वाम दल की तरफ से 2019 का चुनाव लड़ चुके हैं जिसमें उन्हें शिकस्त मिली थी. इसके बाद कन्हैया ने कांग्रेस का दामन थाम लिया. ऐसे में कांग्रेस पूर्वांचली वोटरों को साधने के लिए दिल्ली की कमान सौंप सकती है. हालांकि कन्हैया के आगे आने में उनका पिछला समय उनके लिए रोड़ा बन सकता है.