Kargil Vijay Diwas: बिहार रेजीमेंट के सामने दुश्मनों ने टेके थे घुटने, हिंदुस्तान ने लहराया था विजय पताका
Kargil Vijay Diwas: हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस (Vijay Diwas) मनाया जाता है. आज ही के दिन भारत ने लगभग 60 दिनों तक चले युद्ध में पाकिस्तान को तरह हराया था. दरअसल, 1999 में पाकिस्तानी आतंकी और सैनिक चोरी-छिपे कारगिल (Kargil) की पहाड़ियों में घुस गए थे.
Patna:Kargil Vijay Diwas: हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस (Vijay Diwas) मनाया जाता है. आज ही के दिन भारत ने लगभग 60 दिनों तक चले युद्ध में पाकिस्तान को तरह हराया था. दरअसल, 1999 में पाकिस्तानी आतंकी और सैनिक चोरी-छिपे कारगिल (Kargil) की पहाड़ियों में घुस गए थे. जिसके बाद भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन विजय' शुरू किया. इस दौरान भारतीय सैनिकों ने उन्हें (पाकिस्तानी आतंकी और शनिकों) मौत के घाट उतार दिया था या भागने पर मजबूर कर दिया था.
कारगिल युद्व (Kargil War) में 500 से ज्यादा भारतीय जवान शहीद भी हुए थे. इस युद्ध में बिहार रेजीमेंट ने भी देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी थी. युद्ध में बिहार रेजिमेंट के करीब 18 वीर सैनिक शहीद हो गए थे. युद्ध में जीत के बाद बिहार रेजीमेंट की प्रथम बटालियन को 28 वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जिसमें 4 वीर चक्र और 6 सेना मेडल के साथ बैटल ऑनर ऑफ बटालिक और थिएटर ऑनर ऑफ कारगिल का सम्मान शामिल है.
युद्ध में दिया था पहला बलिदान
कारगिल युद्व (Kargil War) में अग्रिम पंक्ति में पहला बलिदान बिहार रेजीमेंट (Bihar Regiment) प्रथम बटालियन के मेजर एम. सरावनन और उनकी टुकड़ी में शामिल नायक गणेश प्रसाद यादव, सिपाही प्रमोद कुमार, सिपाही ओम प्रकाश गुप्ता और हवलदार हरदेव सिंह ने दिया था. नायक शत्रुघ्न सिंह गोली लगने के 11 दिनों बाद मौत के मुंह से बाहर आए थे. बिहार रेजीमेंट के साहसिक सैनिकों ने 1 जुलाई को जुब्बार पहाड़ी पर जीत हासिल करके अपनी वीरता का परिचय दिया था.
कारगिल युद्ध को समाप्त हुए 23 साल हो गए हैं. इस साल हम 'विजय दिवस' की 23वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. विजय दिवस के अवसर पर उन वीर योद्धाओं के साहस और बलिदान को याद करके उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.