पटनाः पूर्व मंत्री कार्तिक कुमार की बेल अदालत ने रिजेक्ट कर दी है. अब पूर्व मंत्री बेल के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. उनकी अग्रिम जमानत की याचिका दानापुर कोर्ट से खारिज हो गई है. कार्तिक कुमार के वकील का कहना है कि वह अगला कदम हाईकोर्ट के लिए बढ़ाएंगे. कार्तिक कुमार ने बुधवार को ही अपने मंत्रिपद से इस्तीफा दिया है. इसके पहले बुधवार सुबह उन्हें कानून मंत्री के पद से हटाकर गन्ना उद्योग मंत्री बना दिया गया था. बिहार सरकार के गठन होने के भीतर ही एक साल के अंदर में कार्तिक का इस्तीफा हो गया है. 


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दानापुर कोर्ट से याचिका खारिज
पूर्व मंत्री कार्तिक कुमार वकील आमोद कुमार का कहना है कि वो बेल के लिए हाईकोर्ट में मूव करेंगे. उन्होंने कहा कि कोर्ट ने कार्तिक कुमार की बेल को भले ही रिजेक्ट किया है, इसकी वजह का अध्ययन किया जायेगा, लेकिन हमारे केस में मेरिट थी. पूर्व विधि मंत्री कार्तिक कुमार की अग्रिम जमानत याचिका दानापुर कोर्ट से खारिज हो गई है, जिससे उन पर पुलिस कार्रवाई हो सकती है. दानापुर कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई, जिसमें सरकारी वकील और कार्तिक कुमार के वकीलों की ओर से जिरह की गई. बहस और सुनवाई के बाद अदालत इस बारे में निर्णय लिया और अपना फैसला सुनाया. इस दौरान उनकी बेल रिजेक्ट कर दी गई.


ये है घटना
असल में पटना के बिहटा इलाके में 2014 में राजू सिंह उर्फ राजू बिल्डर का अपहरण हुआ था. इसमें कार्तिक कुमार उर्फ कार्तिकेय सिंह को आरोपी बनाया गया था. उनके खिलाफ बिहटा थाने में केस दर्ज हुआ, जिसमें पूर्व विधायक बाहुबली नेता अनंत सिंह भी सह आरोपी हैं. बीते दिनों कार्तिक सिंह पर आरोप लगे कि उन्हें इस केस में कोर्ट में सरेंडर करना था, लेकिन उसी दिन वे राजभवन जाकर मंत्री पद की शपथ ले रहे थे. इसके बाद वे सुर्खियों में आ गए और बीजेपी ने उन पर जमकर हमला बोला. इसके बाद से ही नीतीश कुमार की नई सरकार विरोधियों के निशाने पर थी.