IAS Hub in Bihar: आईएएस का जिक्र होते है बिहार के युवाओं का नाम जहन में आ जाता है. इसकी वजह है कि वहां से सबसे ज्यादा आईएएस अधिकारी चुनकर आना और देश की सेवा करना आंकड़े इसकी खुद गवाही दे रहे हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार बिहार में अब तक 453 युवा आईएएस की परीक्षा पास कर देश की सेवा कर रहे हैं. मगर हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे बिहार के ऐसे जिले के बारे में जिसे आईएएस अधिकारियों का हब कहा जाता है. इसकी बानगी 2024 के यूपीएससी की परीक्षा के रिजल्ट में देखने को मिली. कटिहार की अनुप्रिया राय चयनित हुई.


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अगर बात करें पूरे देश की तो बिहार एक ऐसा राज्य है जहां से सबसे ज्यादा आईएएस अधिकारी तैयार होते हैं. बिहार के युवाओं में पढ़ाई के प्रति गहरी ललक है और 12वीं के बाद लगभग हर छात्र का सपना होता है कि वह आईएएस अधिकारी बने. इस लक्ष्य को पाने के लिए कई युवा बिहार से बाहर हैदराबाद, पुणे और दिल्ली जैसे शहरों में जाकर तैयारी करते हैं. बता दें कि बिहार में वर्तमान में 453 आईएएस अधिकारी हैं और यह राज्य भारत में आईएएस बनने के मामले में दूसरे स्थान पर आता है. संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने हाल ही में सिविल सेवा परीक्षा 2023 का परिणाम घोषित किया, जिसमें कटिहार जिले के फलका प्रखंड की अनुप्रिया राय ने 640 वीं रैंक हासिल की है. अनुप्रिया को यह सफलता दूसरे प्रयास में मिली और अब वह एक अधिकारी के रूप में देश की सेवा कर रही हैं. उनके माता-पिता बताते हैं कि अनुप्रिया बचपन से ही मेधावी थी. उनकी पढ़ाई के लिए माता-पिता भागलपुर में किराए के मकान में रहते थे. अनुप्रिया ने अपनी कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता, बड़ी बहन और गुरुजनों को दिया है.



देश में सबसे ज्यादा आईएएस अधिकारी देने वाला राज्य उत्तर प्रदेश है, जो इस श्रेणी में पहले स्थान पर आता है. इसकी मुख्य वजह यहां की बड़ी जनसंख्या है. उत्तर प्रदेश के कई शहरों में बेहतरीन कोचिंग सुविधाएं हैं, जहां गांव और कस्बों के युवा जाकर पढ़ाई करते हैं. इसके बाद बिहार के अंदर कटिहार जिला खासतौर पर यूपीएससी में टॉपर देने के लिए जाना जाता है. साल 2020 में कटिहार के शुभम कुमार ने यूपीएससी परीक्षा में पहला स्थान प्राप्त किया था. एक समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार देश के 4925 आईएएस अधिकारियों में से 462 बिहार से हैं. 1997 से 2006 के बीच देश में 1588 आईएएस अधिकारी चुने गए, जिनमें से 108 अधिकारी बिहार से थे. बिहार के युवाओं की यह सफलता उनकी मेहनत, शिक्षा के प्रति समर्पण और लक्ष्य की ओर बढ़ने की दृढ़ता का परिणाम है.


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