राजभवन से आरपार के मूड में KK पाठक, सचिवालय से कहा- शिक्षा विभाग के काम में हस्तक्षेप न करें
KK Pathak Letter to Raj Bhawan: केके पाठक ने कहा कि आपको धारा 9(7) (2) शक्ति प्रदान करता है. उन्होंने राज्यपाल सह कुलाधिपति से सवाल पूछा है कि चांसलर को यूनिवर्सिटी के अधिकारियों के बीच विद्रोह भड़काने और अराजकता पैदा करने की अनुमति है क्या?
KK Pathak Letter to Raj Bhawan: आईएएस (IAS) केके पाठक ने इस बार राज्यपाल को घेरा है. राज्यपाल के आदेश पर गंभीर आपत्ति जताया है. उन्होंने राजभवन सचिवालय को शिक्षा विभाग के कार्य में हस्तक्षेप नहीं करने की सलाह दी है. आईएएस (IAS) केके पाठक ने राज्यपाल सचिवालय को लेटर लिखा और राज्यपाल सचिवालय को कानून का पाठ भी पढ़ाया.
दरअसल, राजभवन ने 29 फरवरी 2024 को पत्र जारी कर वीसी को शिक्षा विभाग की बैठक में शामिल नहीं होने का आदेश दिया था. केके पाठक ने राज्य विधायिका द्वितीय अधिनियम धारा 7 का जिक्र करते हुए कहा है कि इस धारा के तहत चांसलर, कुलपति, रजिस्टार, डीन जैसे अन्य अधिकारी के साथ-साथ यूनिवर्सिटी का एक अधिकारी होता है. प्रोक्टर इसे जारी नहीं कर सकता.
केके पाठक ने कहा कि आपको धारा 9(7) (2) शक्ति प्रदान करता है. उन्होंने राज्यपाल सह कुलाधिपति से सवाल पूछा है कि चांसलर को यूनिवर्सिटी के अधिकारियों के बीच विद्रोह भड़काने और अराजकता पैदा करने की अनुमति है क्या? केके पाठक ने आगे लिखा है कि चांसलर शक्ति का प्रयोग कर आदेश की अवहेलना नहीं कर सकते. यह अधिकार आपको नहीं है.
राज्यपाल सचिवालय का 21 दिसंबर 2023 के आदेश का हवाला देते हुए के के पाठक ने कहा कि किस कानून के मुताबिक आप प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा से संबंधित मामले को निपटने का अधिकार रखते हैं. केके पाठक ने पूछा है कि किस हैसियत से आपने सभी वीसी को शिक्षा विभाग की बैठक में शामिल नहीं होने का आदेश दिया.
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केके पाठक ने इसके साथ ही राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल. चोंग्यू से सवाल पूछा है कि क्या आपने राज्यपाल के आदेश से मुझे अवगत कराया है. यदि आदेश राज्यपाल की ओर से है तो मुझे यह बताने के अलावा कुछ नहीं कहना कि कुलाधिपति की कुर्सी उच्च संवैधानिक स्थिति होती है. इसलिए यह अधिक उपयुक्त होता कि आप मुख्यमंत्री या फिर मंत्री से बातचीत करते.
रिपोर्ट: सनी