Daridra Yoga In Kundali: किसी भी व्यक्ति के जन्म के साथ ही उसकी कुंडली भी तैयार हो जाती है. कुंडली में बहुत सारे योग बनते हैं. जिनमें कुछ अच्छे और कुछ बुरे होते है. कुंडली में मौजूद योग हमारे जीवन पर प्रभाव डालती है. कुंडली से ही हर व्यक्ति का भाग्य निर्धारित करती है. कुंडली में शुभ योग सफलता, धन, तरक्की हासिल करने में मदद करते है.   


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किसे कहते है दरिद्र योग (Daridra Yoga)
कई लोगों की कुंडली में काफी दिक्कत होती है. उनका भाग्य उनका साथ नहीं देता है. कुंडली में अशुभ योग होने के वजह से उन्हे कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. जिनकी कुंडली में ऐसे योग होते है उनका जीवन संघर्ष में ही बीतता है. इसे ही ज्योतिष शास्त्र में दरिद्र योग कहा जाता है. 


दरिद्र योग के वजह से करना पड़ता है काफी मुश्किलों का सामना
बता दें कि कुंडली में दरिद्र योग होने से व्यक्ति को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. कई बार दरिद्र योग के वजह से अमीर व्यक्ति भी कंगाल हो जाता है. उसका पूरा जीवन ही बिगड़ जाता है. 



जानें कब और कैसे बनता है दरिद्र योग (Daridra Yoga)?
बता दें कि दरिद्र योग का निर्माण तब होता है जब शुभ ग्रह किसी अशुभ ग्रह के संपर्क में आते है. वहीं, देवगुरू बृहस्पति 6 से 12 वें भाव में बैठते हैं, तो इस योग का निर्माण होता है.   


दरिद्र योग (Daridra Yoga) से बचने के उपाय
- हमेशा अपने माता-पिता और जीवनसाथी का सम्मान करें. 
- गजेंद्र मोक्ष का पाठ करें.
- हाथ में तीन धातु का कड़ा धारण करें. 
- गीता के 11 अध्याय का पाठ करें.
- घर के मुख्य द्वार पर स्वस्तिक लगाएं.
- कनक धारा स्तोत्र का पाठ करें. 


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