Kojagara Puja 2024: मिथिला का खास लोकपर्व कोजागरा इस साल 16 अक्टूबर की रात 7:59 बजे से शुरू होगा. यह पर्व आश्विन पूर्णिमा के दिन प्रदोष काल में मनाया जाता है, जो 17 अक्टूबर को शाम 5:34 बजे तक रहेगा. इस मौके पर मिथिला के हर घर में मां लक्ष्मी की पूजा होती है, खासकर उनके अन्नपूर्णा रूप की. माना जाता है कि इस पूजा से घर में सुख-समृद्धि आती है और कभी भी अन्न की कमी नहीं होती है.


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आचार्य मदन मोहन के अनुसार इस पर्व का एक खास हिस्सा नवविवाहित दूल्हे का चुमाओन होता है. इस परंपरा के तहत समाज द्वारा नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया जाता है. इस मौके पर उनके घरों में खूब रौनक होती है और कुटुंब के लोग इकट्ठा होते हैं. साथ ही धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कोजागरा की रात को चंद्रमा की किरणों में विशेष रसायनिक तत्व होते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद माने जाते हैं. इस दिन चांदी के बर्तन में खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखा जाता है और फिर उसका सेवन किया जाता है, जिसे अमृत समान माना जाता है.


पौराणिक कथा के अनुसार कोजागरा की रात समुद्र मंथन के दौरान अमृत की वर्षा हुई थी. इसीलिए इस रात जागते रहना शुभ माना जाता है, ताकि अमृत की वर्षा से शरीर को लाभ मिल सके. इस पर्व का महत्व सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी गहरा है और यह मिथिला में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.


पूजा का शुभ मुहूर्त
16 अक्टूबर की रात 7:59 बजे से शुरू होकर 17 अक्टूबर की शाम 5:34 बजे तक चलेगा.


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