Bindi Importance: जब महिलाएं श्रृंगार या स्नान करते समय अपनी बिंदी को बाथरूम की दीवार या आइने पर चिपका देती हैं, तो यह अशुभ माना जाता है. इसे ईश्वर द्वारा दिए गए सौभाग्य का अनादर कहा जाता है. ज्योतिष के अनुसार बाथरूम की दीवार या शीशे पर बिंदी लगाने से पति के अच्छे कर्मों पर बुरा प्रभाव पड़ता है, जिससे उनके जीवन में परेशानियां आ सकती हैं.
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Bindi Importance: अक्सर घरों में देखा जाता है कि विवाहित महिलाएं अपने माथे पर लगी बिंदी को बाथरूम की दीवार या आइने पर चिपका देती हैं. ज्योतिष के अनुसार ऐसा करना अशुभ माना जाता है. आचार्य मदन मोहन के अनुसार ऐसा करने से पति के अच्छे कर्मों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है. यह भगवान द्वारा दिए गए सौभाग्य का अनादर माना जाता है, जिससे दांपत्य जीवन में परेशानियां आ सकती हैं.
आचार्य मदन मोहन के अनुसार जो महिलाएं एक ही बिंदी का दोबारा प्रयोग करती हैं, उनके लिए कोई नुकसान नहीं होता. वे उसी बिंदी को फिर से इस्तेमाल कर सकती हैं. इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बिंदी को सही जगह पर ही रखा जाए, जैसे किसी साफ स्थान पर या ड्रेसिंग टेबल आदि पर. साथ ही कहा कि बिंदी का स्वास्थ्य पर भी गहरा असर होता है. आयुर्वेद के अनुसार माथे पर बिंदी लगाने से महिलाओं के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है. बिंदी को माथे के बीच में आज्ञा चक्र पर लगाया जाता है. यह स्थान बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां शरीर की कई नसें एक साथ जुड़ती हैं. बिंदी लगाने से इन नसों पर दबाव पड़ता है, जिससे तनाव और चिंता कम होती है. साथ ही, इससे महिलाओं का मानसिक संतुलन बेहतर होता है और उन्हें अच्छी नींद मिलती है.
आचार्य के अनुसार बिंदी लगाने से महिलाओं की ध्यान केंद्रित करने की क्षमता भी बढ़ती है, जिससे वे अधिक एकाग्रता के साथ काम कर पाती हैं. इसके अलावा, बिंदी से कान की नसों को भी फायदा होता है, जिससे श्रवण शक्ति में सुधार होता है. एक्यूप्रेशर तकनीक के अनुसार, माथे पर दबाव डालने से सिरदर्द में भी राहत मिलती है. साथ ही इसलिए, बिंदी सिर्फ एक श्रृंगार का हिस्सा नहीं है, बल्कि इसका महिलाओं के स्वास्थ्य और जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. हमें इसका सम्मान करना चाहिए और इसे सही ढंग से प्रयोग में लाना चाहिए.
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