Laxmi Ji : मां लक्ष्मी जी का श्रीहरि के पैरों के पास बैठने के पीछे के रहस्य को समझने के लिए कई पुराणिक कथाएं हैं. एक कथा के अनुसार नारद जी ने मां लक्ष्मी से पूछा क्यों वे श्रीहरि के पैरों को दबाती हैं. मां लक्ष्मी ने उत्तर दिया कि ग्रहों का प्रभाव सभी पर समान रूप से होता है, चाहे कोई मनुष्य हो या देवता हो. स्त्री के हाथ में देवगुरु निवास करते हैं, जबकि पुरुष के पैरों में दैत्यगुरु शुक्राचार्य का वास होता है. इससे जब कोई स्त्री पुरुष के चरणों को छूती है, तो देव और दानव का मिलन होता है, जिससे धनलाभ होता है. इसी कारण मां लक्ष्मी श्रीहरि के चरणों को दबाती हैं.


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एक और कथा के अनुसार लक्ष्मी की बड़ी बहन अलक्ष्मी, जो उनसे कम सुंदर थीं. उनके सौंदर्य में ईर्ष्या करती थीं. एक दिन लक्ष्मी विष्णु जी के साथ थीं, तब अलक्ष्मी वहां पहुंचीं और यह देखकर उन्हें और भी ईर्ष्या हुई. अलक्ष्मी ने कहा कि कोई उनकी पूजा नहीं करता और जहां लक्ष्मी जातीं हैं, वहां वह भी आ जातीं हैं.


लक्ष्मी ने क्रोधित होकर उसे एक श्राप दिया कि वह जहां भी ईर्ष्या, लालच, आलस्य, रोष और गंदगी होगी. वहां ही तुम निवास करोगी. इसके परिणामस्वरूप, लक्ष्मी हमेशा अपने पति विष्णु जी के चरणों की गंदगी को दूर करती रहती है, जिससे अलक्ष्मी कभी भी उनके पास नहीं आ सकती. यह सभी कथाएं हमें यह बताती हैं कि धन की देवी लक्ष्मी कैसे अपने आदर्श पति विष्णु जी के साथ रहती हैं और उनके चरणों की सफाई को क्यों महत्वपूर्ण मानती हैं.


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