Chhath Puja 2023 Live: नहाय खाय के साथ शुरू हुआ महापर्व छठ, जानें इस दिन का विशेष महत्व
Chhath Puja 2023 Arghya time: आस्था का महापर्व छठ आज से शुरू हो गया है. छठ पर्व पूरे चार दिनों तक चलता है. इस पर्व में सूर्य देव को अर्घ्य देना काफी महत्वपूर्ण होता है.
Chhath Puja 2023 Arghya ka Samay: बिहार-झारखंड में रहने वाले लोगों को छठ महापर्व का बड़ी बेसब्री से इतंजार रहता है. छठ का पर्व उनके लिए बेहद खास होता है. दूसरे शहर में रह रहे लोग भी हर हाल में अपने गांव अपने घर वापस आते हैं. छठ महापर्व तो पूरा परिवार एकजुट होकर एक साथ मनाता है. आज शुक्रवार को नहाय खाय के साथ इस पर्व की शुरूआत हो चुकी है. छठ पूजा में नहाय खाय का बहुत महत्व है.
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Chhath Puja 2023
बिहार के बेगूसराय जिले में छठ पूजा के पहले दिन बड़ी घटना घटी है. दरअसल नहाय खाय के दिन गंगा स्नान करने गई छठव्रति की नदी में डूबने से मौत हो गई है. जिसके बाद पूरे परिवार में कोहराम मच गया है.
Chhath Puja 2023
बिहार के नालंदा जिले में भगवान श्री कृष्ण का के बेटे के बनाया एक सूर्य मंदिर है. राजा साम्ब द्वापर युग में में इस मंदिर का निर्माण करवाया था. ऐसी मान्यता है कि यहां पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है.
कल छठ का दूसरा दिन – खरना
इस दिन व्रती पूरे दिन का उपवास रखते हैं और शाम को गन्ने का रस या गुड़ से बनी चावल की खीर को प्रसाद के रूप में खाते हैं, जिसमें एक मिठा स्वाद होता है.
छठ महापर्व में सामाजिक सद्भाव की मिसाल पेश कर रही मुस्लिम महिलाएं
कहते हैं छठ महापर्व में न जाती न धर्म देखा जाता है बगैर किसी भेदभाव के हर जाति धर्म के लोग महापर्व को सम्पन्न कराने में अपनी भूमिका निभाते हैं. ऐसा ही नजारा भागलपुर में देखने को मिल रहा है. जहां मुस्लिम महिलाएं हिन्दू धर्म के रक्षा कवच बद्धि माला का निर्माण कर रहे हैं. काजीचक की रहने वाली सलीमा खातून, यास्मीन उनकी बच्चियां छठ पूजा के लिए बद्धि बनाने में जुटी हैं. बिना किसी भेदभाव के पूरी शुद्धता के साथ मुस्लिम महिलाएं बद्धि का निर्माण कर रही हैं. इसके लिए उन्हें बाजारों से लोगों से ऑर्डर भी मिल रहे हैं. बद्धि निर्माण करने वाली महिलाएं बताती हैं कि दर्जनों मुस्लिम परिवार इस माला को बनाते हैं. ये काम कई सालों से होता आ रहा है और पुश्तैनी काम है. अनंत हो या डोरा और जितिया बंधन आदि का निर्माण भी यहां की महिलाएं करती हैं.Chhath Puja 2023
छठ पूजा अपनों के साथ मनाने दूसरे प्रदेश से आने वाली भीड़ का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रही है. ट्रेनों में हालात यह है कि रेल यात्री की भीड़ से पैर रखने को जगह नहीं मिल रही है. रेल यात्री सौचालय और ट्रेन के गेट पर खड़े होकर यात्रा करने को मजबूर है. जिसका नजारा बक्सर रेलवे स्टेशन पर देखने को मिला. दिल्ली से काख्याधन जाने वाली ब्रह्मपुत्रा एक्सप्रेस के स्लीपर कोच के सौचालय सौचालय में खड़े होकर रेल यात्री सफर कर रहे थे. वही सिकंदराबाद एक्सप्रेस भी रेल यात्री से भरी आ रही थी.बिहार के लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा के लिए बाजार में केला का बाजार सज गया है और एक केला का घओर 450 से लेकर 500 में बिक रहा है. छठ पर्व में इसकी मांग जायदा बढ़ जाती है.जिसके कारण अन्य राज्यो से केला मंगाया गया.कहते है लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा में छठी मइया को जो प्रसाद चढ़ाया जाता है उसमे फल के रूप में मुख्य प्रसाद केला ही चढ़ता है,इसलिए छठ पूजा करने वाले हर लोग केला की खरीदारी करते हैं.
तेज प्रताप यादव ने भी नहाय खाय की बधाई देते x पर पोस्ट करते हुए लिखा, आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीदमम् भास्कर. दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तुते.. सूर्य उपासना एवं लोक आस्था के महापर्व 'छठ पूजा' की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं . भगवान सूर्य आप सभी के जीवन को सुख-समृद्धि, यश, वैभव एवं आरोग्य से परिपूर्ण करें . जय छठी मईया!
रांचीः जानें छठ बाजार में तमाम सामानों की कीमत
सूप- 60 रुपये से 180
टोकरी- 160 से 350 तक
दौरा- 550 सौ
पंखा- 40 रुपये पीस
कबरंगा- 20 रुपये ग्राम
पनेरा- 30 रुपये ग्राम
आंवला- 10 रुपया ग्राम
शरीफा-100 किलो
बैर- 10 रुपये ग्राम
सुतनी- 100 रुपये ग्राम
अमरूद- 100 रुपये किलो
पानी फल- 20 रुपये पाव
कांडा- 10 रुपये किलो
मूली- 40 रुपये किलो
गाजर- 100 रुपये किलो
अनानास- 80 रुपये पीस
अदरक- 40 रुपये 100 ग्राम
केला कान्धी- 200 से 400 तक
संतरा- 40 रुपये किलो से 50 रुपये किलो
सेब- 80 से 100 रुपये किलो
बड़ा बैर- 90 से 100 रुपये किलो
गड़ी- 20 रुपये 100 ग्राम
सौंफ- 40 रुपये 100 ग्राम
कसैली- 2 रुपये पीस
कमलगट्टा- 1 रुपये पीस
चुहाड़ा- 30 रुपये 100 ग्राम
बादाम दाना- 20 रुपये 100 ग्राम
सिंदूर- 10 रुपये पैकेट
बद्धि- 20 रुपये दर्जन
बत्ती- 5 रु से 10 रुपये पैकेट
छोटी इलायची- 30 रुपये 10 ग्राम
लौंग- 15 रुपये 10 ग्राम
किशमिश- 30 रुपये 100 ग्राम
काजू- 60-80 रुपये 100 ग्राम
अखरोट- 5 रुपये पीस
काठी बादाम- 2 रुपये पीस
धूप- 7 से 10 रुपये पैकेट
मखाना- 80 से 90 रुपये 100 ग्राम
पानी नारियल- 20 से 30 रुपये पीस
अगरबत्ती- 10 रुपये पैकेटआस्था के महापर्व छठ की नहाए खाए के साथ शुरुआत हो चुकी है. राजधानी रांची में छठ की छठा चारों ओर देखने को मिल रही है. राजधानी रांची में भी छठ का बाजार सज चुका है, जिसमें झारखंड बिहार सहित अन्य राज्यों से भी लोग व्यापार करने के लिए पहुंचे हुए हैं.
Chhath Puja : इस त्योहार में छठ माता और सूर्य देव की पूजा की होती है. छठ माता की पूजा में उन्हें चढ़ने वाला चढ़ावा का विशेष महत्व होता है. हर कोई अपनी क्षमता और आस्था के अनुसार ही छठ माता को प्रसाद चढ़ाता है,
Chhath 2023
महापर्व छठ की शुरुआत नहाय-खाय के साथ शुक्रवार को शुरू हो गई है. वहीं शहर के विभिन्न गंगा घाट सोझी, कष्टहरणी और बबुआ घाटों में छठव्रती अपने परिवार के साथ गंगा स्नान करने के लिए पहुंच रही है और स्नान कर रही है. इसके बाद नहाय-खाय का प्रसाद तैयार करने के लिए गंगा जल भरकर घर ले जा रही है. इसके बाद महापर्व छठ की शुरुआत नहाय-खाय के साथ शुक्रवार को शुरू हो गयी है.
हजारीबाग के इस गांव के 75 परिवार के लोग बनाते है सूप
छठ महापर्व हो गई है. इसे लेकर प्रशासनिक तैयारीयों के साथ साथ आम लोग भी तैयारी में जुट गये है. इधर हजारीबाग का एक ऐसा गांव है जहां के 75 घर के परिवार सादियो से बांस से सूप बनाते आ रहे है. यूं तो साल भार ये परिवार बांस से सूप टोकरी डलिया का निर्माण करते है. जबकि दुर्गपूजा के बाद से ये सूप बनाने में लग जाते है. ये गांव है हजारीबाग का भेलवाड़ा. इस गांव में बने सूप न केवल हजारीबाग बल्कि रामगढ़ कोडरमा और चतरा तक बिकने के लिये जाते है.बोकारो के छठ घाटों की अब तक नहीं हुई सफाई
बोकारो के बेरमो के सीसीएल कथारा क्षेत्र के जारंगडीह बाबु क्वाटर तथा 16 नम्बर छठ घाट जाने वाले मुख्य सड़क पर गंदगी आज भी फैला हुआ है. विडंबना यह देखने को मिल रहा है कि जारंगडीह सिविल विभाग क्यों उक्त मामले में गंभीर नहीं दिख रही है. ऐसे में शुद्धता और नेम निष्ठा के साथ मनाया जाने पर्व भी क्या छठ व्रतियों को छठ घाट इस गंदगी के समक्ष से गुजरना होगा. जबकि बोकारो जिला प्रशासन छठ पूजा को लेकर छठ घाटों की साफ सफाई के लिए कई दिनों से हर सम्भव कार्य कर रही है, लेकिन दूसरी तरफ सीसीएल कथारा क्षेत्र में ये गंदगी कई सवाल खड़े कर रहे है.
कद्दू खाने का वैज्ञानिक कारण
वहीं इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि कद्दू सुपाच्य भोजन है. जिससे व्रती को कोई परेशानी नहीं होती है. इसलिए आज के दिन कद्दू खाया जाता है. वहीं आज बाजारों में कद्दू की बिक्री सुबह से ही देखी गई. देवघर में कद्दू की दर 30 से 40 रुपये किलो तक बिक रही है. दुकानदार बताते हैं कि कद्दू की बिक्री पिछले साल से अच्छी हुई है. आज छठ पर्व के पहले दिन कद्दू भात खाने की परंपरा है. यही वजह है कि सुबह से ही दुकानों में ग्राहक आ रहे हैं और कद्दू खरीद कर लेकर जा रहे हैं.कद्दू खाने की परंपरा
देवघर लोक आस्था का महापर्व छठ जो कि नहाए खाए के साथ आज से शुरू हो गया है. 4 दिनों तक चलने वाला यह पर्व शुद्धता और पवित्रता का पर्व माना जाता है. इसमें साफ सफाई के साथ तन और मन की भी साफ सफाई का ध्यान रखा जाता हैं. नहाए खाए के दिन कद्दू खाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. ऐसी मान्यता है कि कद्दू पवित्र और सात्विक भोजन है. जिस वजह से छठ व्रती इसे ग्रहण करती है.Chhath Puja 2023
ध्यान रखें कि नहाय खाय के दिन गलती से भी लहसुन और प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए, वरना व्रत टूट भी सकता है. इसके अलावा परिवार के अन्य सदस्यों को भी इस दिन सात्विक भोजन ही करना चाहिए.
Chhath Puja 2023
नहाय खाय परंपरा
नहाय खाय परंपरा में व्रती महिलाएं नदी में स्नान करने के बाद नए वस्त्र धारण करती है और शाकाहारी भोजन ग्रहण करती हैं. व्रती महिलाओं के भोजन ग्रहण करने के बाद ही घर के बाकी सदस्य भोजन ग्रहण करते हैं.सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
आज से नहाय-खाय की शुरूआत हो चुकी है. आज शुक्रवार को सूर्योदय 06:45 बजे और सूर्यास्त शाम 05:27 बजे होगा.Chhath 2023
4 दिनों तक चलने वाला इस पर्व में सूर्य और छठी मैय्या की पूजा की जाती है. इस व्रत को बेहद कठिन माना जाता है, क्योंकि इस व्रत में महिलाओं को 36 घंटों तक कठिन नियमों का पालन करना होता है.
Nahay Khay 2023
नहाय खाय के दिन का खाना बिना प्याज और लहसुन के बनाया जाता है. इस दिन कद्दू की सब्जी, लौकी चने की दाल और भात यानी चावल खाने का रिवाज जाता है. नहाय खाय के दिन बनाया गया खाना सबसे पहले व्रत रखने वाले व्रतियों को परोसा जाता है. इसके बाद ही परिवार के अन्य लोग इसे प्रसाद के रुप में ग्रहण करते हैं.
Chhath Nahay Khay 2023
इस साल छठ पूजा की शुरुआत 17 नवंबर को नहाय खाय के साथ हो रही है. छठ पूजा में नहाय खाय का बहुत महत्व है. इस दिन छठ व्रती सुबह में उठकर स्नान आदि कर साफ या नए वस्त्र धारण करते हैं. इसके बाद सूर्य भगवान को जल अर्पित करने के बाद सात्विक भोजन करते हैं. नहाय खाय के दिन का खाना बिना प्याज और लहसुन के बनाया जाता है.