पटना: बिहार के राजनीतिक मामलों में हलचल है, जहां विधान परिषद के सभापति ने विधायक प्रो. रामबली सिंह की सदस्यता समाप्त कर दी है. यह फैसला देने के पीछे एक विवाद था, जिसमें राजद के उप मुख्य सचेतक सुनील कुमार सिंह ने नवंबर 2023 में सभापति से पत्र लिखकर रामबली सिंह की सदस्यता को समाप्त करने की सिफारिश की थी. इस सम्बंध में सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने आज अपना फैसला सुनाया है.


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रामबली सिंह की सदस्यता समाप्त होने से सीट खाली हो गई है, जो विप (विकलांग व पिछड़ा वर्ग) की थी. उनका कार्यकाल 29 जून 2020 से 28 जून 2026 तक था. रामबली सिंह ने हाल ही में लालू परिवार के खिलाफ बयान दिया था और इसके बाद ही उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई. उन्होंने लालू-तेजस्वी को अति पिछड़ा विरोधी बताया और महागठबंधन के नेताओं को उनके नाम में 'राम' नाम से चिढ़ा है, ऐसा कहा था. उन्होंने आगे यह भी कहा कि वह सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ेंगे और राजद की परवाह नहीं करेंगे, यदि राजद उन्हें विरोधी मानती है.


इसमें एक और मुद्दा भी शामिल है, जिसमें रामबली सिंह के बयानों के बाद लालू परिवार पर आलोचना हो रही थी. उन्होंने यह भी कहा कि राजद विचारों की बनावट से दूर है और उन्हें विरोधी समझ रही है. इस सभी विवादों के बावजूद रामबली सिंह की सदस्यता समाप्त होने से विप सीट रिक्त हो गई है और अब इस पर कौन बनेगा नया सदस्य यह देखने को मिलेगा.


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