बिहार-झारखंड में मंकीपॉक्स की आहट! जानिए खास बातें जो आपके लिए जरूरी हैं
Monkeypox: WHO की ओर से जारी की गई जानकारियों के मुताबिक, इससे गंभीर बीमारी नहीं होती है. इसके अलावा इसके वायरस से संक्रमण से लक्षणों की शुरुआत तक की समय सीमा 6 से 13 दिनों तक होती है.
पटनाः Monkeypox: मंकीपॉक्स को लेकर जहां WHO ने हेल्थ एमरजेंसी घोषित कर दी है, वहीं बिहार और झारखंड में इसकी आहट से लोगों में घबराहट है. हालांकि स्वास्थ्य मंत्री और विभाग ने इसके लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं और इससे निपटने के लिए भी तैयारियां शुरू कर दी हैं. मंकीपॉक्स क्या है और इसमें किस तरह की परेशानियां हो रही हैं, इसे लेकर भी लोगों में कनफ्यूजन है. WHO के अनुसार, मंकीपॉक्स चेचक की तरह संक्रामक नहीं है. रोगी के शरीर में चकत्ते, बुखार, सुस्ती, सिरदर्द और लिम्फ नोड्स की सूजन जैसे लक्षण पाए गए हैं. इससे घबराने की जरूरत नहीं है, हालांकि बचाव करने के प्रति जागरूक जरूर रहना चाहिए. जानिए मंकीपॉक्स क्या है और इसके बारे में खास जरूरी बातें-
ये है लक्षणों की समय सीमा
WHO की ओर से जारी की गई जानकारियों के मुताबिक, इससे गंभीर बीमारी नहीं होती है. इसके अलावा इसके वायरस से संक्रमण से लक्षणों की शुरुआत तक की समय सीमा 6 से 13 दिनों तक होती है. हालांकि इसके लक्षण 2- 4 हफ्ते तक भी रह सकते हैं. बुखार आने के एक से तीन दिनों के बाद त्वचा फटने लगती है और चेहरे समेत शरीर के कई अंगों पर चकत्ते दिखाई देने लगते हैं. ये चकत्ते गंभीर स्थिति में चेहरे पर असर डालते हैं जबकि बहुत अधिकतर मामलों में ये यह हाथ की हथेलियों और पैरों के तलवों को प्रभावित करते हैं.
ऐसे फैलता है मंकीपॉक्स वायरस?
मंकीपॉक्स वायरस संक्रमित व्यक्ति या जानवर के जरिए मनुष्यों में फैल सकता है. संक्रमित व्यक्ति के शरीर से निकले तरल पदार्थ, घाव, सांस के जरिए और संक्रमित व्यक्ति के बिस्तर के संपर्क में आने से भी मंकीपॉक्स वायरस फैल सकता है. जानवरों से इंसान में वायरस का प्रसार संक्रमित जानवर के खून या किसी भी अन्य शारीरिक तरल पदार्थ से होता है. अगर संक्रमित के जख्मों के सीधे संपर्क में आते हैं तो इसके होने की आशंका अधिक बढ़ जाती है. गिलहरी, और बंदरों की कई प्रजातियों सहित कई जानवर इस वायरस से संक्रमित मिले हैं. स्टडी में ये भी पता चला है कि करीब 95 फीसदी लोग यौन संबंधों के दौरान एक दूसरे से संक्रमित हुए.
मंकीपॉक्स संक्रमण से बचाव ऐसे करें
कम पका हुआ मांस और दूसरे पशु उत्पादों को खाने से बचना चाहिए.
मंकीपॉक्स संक्रमण से बचने के लिए मास्क और सैनेटाइजर का भी इस्तेमाल करें
मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित लोगों से शारीरिक दूरी बनाकर रहें
किसी में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई दें तो घबराएं नहीं, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
साफ सफाई का ध्यान रखें, संक्रमित लोगों के संपर्क में आने पर साबुन से हाथ धोना चाहिए
संक्रमित व्यक्ति के बिस्तर, कपड़े और निजी सामान का इस्तेमाल न करें
मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित जानवरों से दूरी बनाकर रखें
मध्य और पश्चिम अफ्रीका से लौटे लोगों के संपर्क में आने से बचें.
विदेश यात्रा करने से बचें और अगर करना जरूरी हो तो सावधानी रखें
मंकीपॉक्स से बचने के लिए सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन करें