Mulethi: मुलेठी प्रकृति का ऐसा उपहार जो है औषधीय गुणों का खजाना, ऐसे करें इस्तेमाल
प्रकृति ने भारत को इतने अनुपम उपहार दिए हैं कि कहना ही क्या. आयुर्वेद का जनक यह देश हर घास, पेड़-पौधे और वनस्पति में मानव जीवन के सिद्धांत लेकर जीता है. आपको बता दें कि भारत की धरती के गर्भ से इतनी औषधीयां पैदा होता हैं जिसका कहना ही क्या.
Mulethi root Health benefits: प्रकृति ने भारत को इतने अनुपम उपहार दिए हैं कि कहना ही क्या. आयुर्वेद का जनक यह देश हर घास, पेड़-पौधे और वनस्पति में मानव जीवन के सिद्धांत लेकर जीता है. आपको बता दें कि भारत की धरती के गर्भ से इतनी औषधीयां पैदा होता हैं जिसका कहना ही क्या. घर की रसोई में ही कितने ऐसे मसाले हैं जो लोगों के लिए औषधि से कम नहीं है. इन औषधीयों का मानव जीवन में उपयोग भी निराला है. वनस्पतियों के जड़ से लेकर तना, पत्ता, फूल तक सभी औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है. यह सभी मानव के लिए प्रकृति प्रदत्त उपहार हैं. जिनका दैनिक जीवन में लोग इस्तेमाल करते हैं और बीमारी की हालत में यही औषधि की तरह इस्तेमाल होने लगते हैं.
ऐसे में एक मीठा और बेहद स्वादिष्ट जड़ है जिसको हम मुलेठी कहते हैं इसके बारे में कौन नहीं जानता लोग सामान्यतः इसे खाने के अलावा मीठे पान में डालकर भी इसका इस्तेमाल करते हैं. इसे लीकोरिस के नाम से भी जाना जाता है. किसी भी तरह की खांसी हो लोग इस मुलेठी का इस्तेमाल औषधि के तौर पर करते हैं. इसे लोग मीठी जड़ के नाम से भी जानते हैं. यह कैल्शियम, ग्लाइसीराइजिक एसिड, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटीबायोटिक, प्रोटीन और फैट का खजाना है.
मुलेठी का आयुर्वेद में हमेशा से गले के विकारों, मुंह के विकारों, अस्थमा, आंख के रोग, हृदय रोग और घावों के लिए औषधि के रूप में इस्तेमाल होता आया है. यह एक ऐसी औषधि है जिससे कफ, वात और पित्त यानी त्रिदोष को ठीक किया जा सकता है. यह एक सामन्य सी लकड़ी जैसी नजर आएगी लेकिन इसके गुण जानकर आप चौंक जाएंगे.
आंख के रोगों को दूर करने के लिए इसके काढ़े से आंखों को धोने की बात कही गई है. मुलेठी और सौंफ के चूर्ण को बराबर मात्रा में मिलाकर एक चम्मच शाम को लेने से आंखों में हो रही जलन ठीक हो जाती है. इससे आंखों की रोशनी में भी इजाफा होता है. साथ ही आंखों की लाली को खत्म करने में भी यह सहायक है.
मुलेठी के साथ मुनक्का पका दूध कान में डालने पर कान के रोग ठीक होते हैं तो वहीं यह कई चीजों जैसे हरी इलायची, मिश्री और शुंडी के साथ मिलाकर काढ़े के रूप में तैयार कर नाक में डाली जाए तो नाक के रोगों में भी आराम देता है.
मुंह में छाले हो या गले में दर्द मुलेठी को मुंह में रखकर चुसने पर इनसे निजात मिलता है. इसके साथ शहद मिलाकर इसे चूसा जाता है. इससे पुरानी से पुरानी और हर प्रकार की खांसी में भी आराम मिलता है. इसको चूसने से हिचकी की समस्या में भी आराम आता है. वहीं त्वचा के रोग हों या घाव मुलेठी का लेप दोनों के लिए फायदेमंद है. जहां इससे मुहासे दूर होते हैं वहीं घाव भी तेजी से भरता है.
नोट: यहां बताई गई सारी बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए है, इस औषधी के इस्तेमाल से पहले आयुर्वेद के जानकार से इस बारे में परामर्श जरूर लें.
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