Nalanda: नालंदा के करायपरसुराय प्रखण्ड के दिरीपर गांव से मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आई है जिसे देखकर सिस्टम पर सवाल उठाना लाजमी है. यहां कौशल्या देवी और उनकी पोती दोनों शौचालय में रहकर अपना जीवन यापन कर रही हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कौशल्या देवी का इस दुनिया में उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है और ना ही उन्हें किसी भी प्रकार का सरकारी लाभ ही मिल रहा है. दादी-पोती दोनों शौचालय में रहने के लिए मजबूर है.


दरअसल, कौशल्या देवी के पास ना तो कोई घर है और ना ही रहने का कोई अन्य ठिकाना. चलते हुए इनकी लाठी भी डगमगा जाती है. ऊपर से 10 साल की पोती की जिम्मेदारी जिसके ऊपर से भी मां बाप का साया उठ चुका है. लाचार दोनों दादी-पोती अपने गांव में ही घर-घर भीख मांगकर जीवन यापन कर रही हैं. साथ ही धूप और पानी से बचने के लिए दोनों ने शौचालय में ही अपना आशियाना बना लिया है.


ये भी पढ़ें- Patna: जमानत की उम्मीदों पर पानी फिरा तो हो गए 'नौ दो ग्यारह', 7 फरार कैदियों की खोज में जुटी पुलिस


महिला के पास ना तो समाज ना प्रशासन और ना ही सरकार अभी तक कोई सुध लेने पहुंची है. सबसे हैरान करने वाली बात तो यह है कि महिला की उम्र 65 से 75 साल की होगी. ऐसे में आशियाना तो दूर की बात इन्हें किसी तरह की सरकारी योजना का लाभ भी नहीं मिल रहा है. जिससे वह ठीक तरह से अपनी जिंदगी जी सकें.


जहां एक तरफ सरकार प्रशासन और समाजसेवी समाज से उपेक्षित और परिवार से उपेक्षित ऐसे लोगों को उत्थान के लिए लंबे-लंबे भाषण देती है. सरकार और प्रशासन ऐसे उपेक्षित वृद्ध महिलाओं के विकास उत्थान को लेकर दम भरती है. तो वहीं नालंदा में कौशल्या देवी हर सरकारी योजना के लाभ से वंचित हैं.


(इनपुट- दीपक विश्वकर्मा)