NEET UG Paper Leak: नीट यूजी पेपर लीक केस में अब तक 13 आरोपियों की धरपकड़ की गई है. इस मामले की जांच बिहार पुलिस की ईओयू कर रही है और IPS मदन कुमार आनंद के नेतृत्व में 8 सदस्यीय जांच टीम बनाई गई है. अब तक जो 13 आरोपी पकड़े गए हैं, उनमें से 4 नीट के परीक्षार्थी हैं. इस मामले में जो FIR दर्ज की गई है, उसके मुताबिक़ पटना के रामकृष्णानगर थाना के खेमनीचक के लर्न वॉयज हॉस्टल और लर्न प्ले स्कूल में 25 से 30 परीक्षार्थियों को परीक्षा से ठीक एक दिन पहले नीट का पेपर रटवाया गया था. पुलिस ने छापेमारी के दौरान जले हुए प्रश्नपत्रों के अवशेष भी जब्त किए थे. आरोपियों के पास से कई अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड, पोस्ट डेटेड चेक के साथ प्रमाण पत्र जब्त किए गए हैं.


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पुलिस सूत्रों का कहना है कि पेपर लीक करने वाले गैंग ने औसतन 3 अरब का अवैध कारोबार करने का टारगेट सेट किया था, लेकिन पुलिस की सक्रियता ने गिरोह के मंसूबों पर पानी फेर दिया. गिरोह की मॉडस अपेरेंडी यानी अपराध शैली के बारे में पुलिस का कहना है कि पेपर 100 प्रतिशत मिलने के बाद ही सौदे की रकम ली जाती थी. यह रकम 40 लाख से 60 लाख के बीच होती थी. जानकारी के मुताबिक़ गिरोह के मास्टर माइंड एडवांस के तौर पर एक स्टूडेंट से पहले पांच लाख वसूलते थे. छात्र की ओर से परीक्षा में पेपर का मिलान होने के बाद बाकी की रकम ली जाती थी. हालांकि इस दौरान गैंग के लोग पोस्ट डेटेड चेक भी छात्रों के परिजनों से ले लिए होते थे, ताकि पेपर होने के बाद कोई पैसे देने में आनाकानी ना करे. पुलिस को ऐसे ही पोस्ट डेटेड चेक भी गिरोह से बरामद हुए हैं. सूत्र बताते हैं कि एक चेक भी पुलिस को मिला था, जिस पर तिथि अंकित नहीं थी. उस पर 40 लाख रुपये लिखा था और हस्ताक्षर किया हुआ था. हालांकि, इस चेक का शास्त्री नगर कांड संख्या 358/24 में जिक्र नहीं है.


अभियुक्तों को जेल भेजने के बाद पटना पुलिस अब लेन-देन का ब्योरा खंगाल रही है. माना जा रहा है कि माफिया अभ्यर्थियों से सौदे की पूरी रकम नहीं वसूल पाए होंगे, लेकिन मोटी रकम की उगाही किए जाने से भी इनकार नहीं कर रहे. आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की टीम ने भी शास्त्री नगर थाने में अभियुक्तों से पूछताछ की थी. दरअसल, 5 मई को देश भर में आयोजित नीट-यूजी परीक्षा के दौरान पेपर लीक होने की खबर की पुष्टि पटना के शास्त्री नगर थाने में दर्ज FIR से हो गई. गिरफ्तार आरोपितों को अब ईओयू रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी. एफआईआर में आरोपियों पर जो धाराएं लगाई हैं, उनमें आइपीसी की धारा 407 /408 /409 /120 (बी) शामिल हैं. 


क्या हुआ था 5 मई को 
दरअसल, 5 मई को पटना के सीनियर एसपी को एक कॉल पर बताया गया कि नीट का पेपर लीक कर एक गैंग पटना में छात्रो को परीक्षा दिलवा रहा है. इस पर एसपी राजीव मिश्रा ने तत्काल शास्त्री नगर थाना को सूचना देते हुए तत्काल कारवाई के निर्देश दिए. पटना शास्त्री नगर थाना के प्रभारी अमर कुमार ने तत्काल छापेमारी शुरू की तो गैंग के सदस्य सिकंदर यादव को गिरफ्त में ले लिया. उसके साथ और दो लोग थे, जिनमें एक का बेटा परीक्षा दे रहा था. इन तीनों से पूछताछ के बाद पटना पुलिस DAV स्कूल पहुंची और एडमिट कार्ड की कॉपी के जरिये छात्र आयुष की पहचान की. DAV स्कूल के प्रिंसिपल AC JHA ने बताया कि पुलिस परीक्षा देते हुए आयुष को गिरफ्तार करना चाहती थी पर उन्होंने परीक्षा समाप्ति के बाद छात्र को हिरासत में लेने की सलाह दी. प्राचार्य ने बताया कि गिरफ्तार छात्र आयुष DAV स्कूल के 28 नंबर कमरे में परीक्षा दे रहा था और परीक्षा समाप्त होते ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. आयुष की गिरफ्तारी के बाद उसने पुलिस के सामने कबूला कि जो प्रश्नपत्र उसे दिखाए और जिसका उत्तर रटाया गया, वह प्रश्न हुबहू पेपर में आए थे.


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