पटना: Bihar News: पटना AIIMS के दीक्षांत समारोह के मौके पर मंच पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मौजूद थी. तभी मंच से अपने संबोधन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा ऐलान किया.  सीएम नीतीश ने कहा कि पटना एम्स को 330 करोड़ रुपये की 27 एकड़ जमीन दी जाएगी. इसके अलावे मरीजों के परिजनों के लिए 248 बेड का धर्मशाला बनाने की भी उन्होंने घोषणा की.  


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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कैबिनेट में हम भी मंत्री थे. अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली की तर्ज पर देश में तीन नए एम्स की स्वीकृति दी गई थी. उसमें एक एम्स पटना में बनाने का निर्णय हुआ. यह उसी समय की बात है. ...तो जरा-सा अटलजी की बात को भी पूरा याद रखा कीजिए. एक बार शुरू हुआ तो बाद में बहुत कुछ हो रहा है. जो मंत्री हैं, वह भी कम ही बोल रही थीं उस काम को. जो उन्होंने किया, उसे याद कीजिए. उन्होंने (अटलजी) पटना के लिए सोच लिया.  


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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे कहा कि दिल्ली कोई भी जाता था क्षेत्र का तो उसका इलाज दिल्ली एम्स में कराते थे. पटना एम्स के लिए मैंने पूरी मेहनत की है. 2003 में ही पटना एम्स की बात शुरू हुई थी. इस जगह को मैंने ही तय किया था, लेकिन मेरी बात आपलोग भूल जाते हैं. 


नीतीश ने आगे कहा कि आजकल पुराना चीज याद नहीं रहता है, उन्होंने मजाक के लहजे में कहा कि मीडिया वाले भी मेरी बात नहीं बताते हैं. उन्होंने आगे पटना एम्स को लेकर कहा कि 2005 में जब हम बिहार के सीएम बने तब देखा कि इसके निर्माण में देरी हो रही है. तब तत्कालीन मंत्री गुलाम नबी आजाद को कई बार दवाब देने के बाद काम में तेजी हुई और 2012 में पटना एम्स  शुरू हुआ. 


ऐसे में कोरोना के दौर में सबसे बेहतर इलाज पटना एम्स में हुआ है. ऐसे में हम सभी चिकित्सक और कर्मी का अभिनंदन करते हैं.  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पटना एम्स तक आने के लिए एलिवेटेड सड़क का निर्माण कराया गया है. उन्होंने आगे कहा कि पटना एम्स के लिए और भी किसी तरह की जरूरत होगी वह राज्य सरकार पूरा करेगी. 
रजनीश