पटना : Liquor ban will continue in Bihar: बिहार में शराबबंदी कानून लागू है. इसको लेकर अब महागठबंधन के दलों की तरफ से भी आवाज उठने लगी है. इस कानून पर पुनर्विचार की मांग अब गठबंधन के दल भी करने लगे हैं. पहले महागठबंधन के दल 'हम' के नेता जीतन राम मंझी कई बार शराबबंदी कानून को खत्म करने की डिमांड कर चुके हैं. वहीं अब कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा की तरफ से भी इस मांग को दोहराया गया है. 


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ऐसे में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने साफ कर दिया है कि बिहार में शराबबंदी खत्म नहीं होगी. नीतीश कुमार ने ऐसी डिमांड करनेवाले नेताओं का बिना नाम लिए करारा जवाब दिया है. नीतीश कुमार ने एक बार फिर कहा है कि समाज के व्यापक हित में राज्य में शराबबंदी जारी रहेगी.


नीतीश कुमार का यह बयान ऐसे समय में आया है जब विपक्षी भाजपा ने दावा किया कि शराबबंदी से राज्य सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है. नीतीश कुमार के सहयोगी दल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक जीतन राम मांझी और कांग्रेस पार्टी के नेता अजीत शर्मा ने भी इस कानून को वापस लेने की मांग की.


नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ अप्रिय घटनाओं के अलावा, शराबबंदी से समाज में बड़े पैमाने पर लाभ हुआ है. इससे महिलाओं को काफी फायदा हुआ. अप्रैल 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद से महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा में भारी कमी आई है. उन्होंने कहा कि शराब पीने के बाद लोग हिंसक हो जाते हैं. हमने राज्य की महिलाओं की मांग और हर राजनीतिक दल की सहमति पर शराबबंदी लागू की है. इससे समाज का एक बड़ा वर्ग लाभान्वित हुआ है. इसलिए, यह यहां जारी रहेगा. 


बता दें कि बिहार में शराबबंदी को लेकर नीतीश कुमार सरकार की आलोचना हो रही है. राज्य में शराब आसानी से उपलब्ध है. राज्य में बड़ी संख्या में शराब की त्रासदियां भी हुई हैं जिनमें जहरीली शराब पीने से सैकड़ों लोगों की मौत हो गई या उनकी आंखों की रोशनी चली गई. विपक्षी नेताओं ने नीतीश कुमार सरकार पर आरोप लगाया कि बिहार में शराब माफिया, पुलिस कर्मियों और नौकरशाहों की सांठगांठ से 20 हजार करोड़ रुपये की समानांतर अर्थव्यवस्था चल रही है. उन्होंने दावा किया कि केवल गरीब लोग ही इस कानून के शिकार बनते हैं.


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