पटना : बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार प्रयास कर रहे हैं. हाल ही में उन्होंने एक बयान दिया है जिसमें कहा कि विशेष राज्य का दर्जा ही बिहार की गरीबी को दूर कर सकता है. उन्होंने आगे कहा कि हमने लोगों की जाति के आधार पर गणना की है. इसके साथ ही हर परिवार की आर्थिक स्थिति का भी पता लगाया है. हिंदू, मुस्लिम, अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग, उच्च वर्ग (किसी भी जाति वर्ग का हो), सबका पता लगाया है कि हर जाति में गरीबी है. उच्च वर्ग में भी कितनी गरीबी है, इसका पता चला है.पूरे देश में जातिगत जनगणना होती तो सभी को काफी फायदा होता. इसके अलावा उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में इंडिया गठबंधन के सदस्यों को भाजपा की जीत को कम महत्व देना चाहिए. इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) गठबंधन को सीट बंटवारे के मुद्दे सहित अपनी भविष्य की रणनीतियों को अंतिम रूप देने में तेजी से काम करना चाहिए.


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नीतीश कुमार ने कहा कि पिछले चुनावों में इन राज्यों (छत्तीसगढ़, राज्स्थान) कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. इस बार भी कांग्रेस को अच्छा खासा वोट मिला है, लेकिन भाजपा जीती, लेकिन तेलंगाना में कांग्रेस ने जीत दर्ज है. इन सब पर कोई खास चर्चा की जरूरत नहीं है. हम तो यही चाहते हैं कि बहुत तेजी से विपक्ष एकजुट हो. उन्होंने कहा कि हम ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक में नहीं जा रहे हैं जबकि ऐसी कोई बात नहीं थी, मेरी तबीयत खराब थी. मुझे सर्दी-खांसी, बुखार था अगली बैठक होगी तो हम फिर से कहेंगे कि अब देर नहीं कीजिए. आपस में बैठकर सबकुछ जल्दी से तय कर लीजिए. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद ने मंगलवार को कहा था कि 2024 के लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार करने के लिए ‘इंडिया’ गठबंधन के शीर्ष नेता 17 दिसंबर को दिल्ली में बैठक करेंगे. इसके अलावा कई शीर्ष नेताओं के शामिल न हो पाने के कारण बुधवार (आज) को होने वाली बैठक टाल दी गई.


जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के शीर्ष नेता ने कहा कि हम एक साल से विपक्षी एकजुटता में लगे हुए हैं. राज्यों के चुनाव में सभी पार्टियां अपनी-अपनी जीत के लिए लग जाती हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि आगे से सब एकजुट होकर चुनाव लड़ें.‘इंडिया’ गठबंधन का नेतृत्व करने से संबंधित सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री पद को लेकर अक्सर मेरे बारे में खबरें आती हैं कि लेकिन मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मुझे कुछ नहीं चाहिए. हम केवल यही चाहते हैं कि विपक्ष एकजुट हो और अभी जो पार्टी केंद्र की सत्ता में है उसके खिलाफ चुनाव लड़े. वे लोग देश के इतिहास को बदलने में लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि नयी पीढ़ी को आजादी की लड़ाई को याद रखना चाहिए. मुझे व्यक्तिगत रूप से कुछ नहीं चाहिए, हम पहले से ही लोगों की सेवा कर रहे हैं. हम लोगों ने आंदोलन भी किया है. उन्होंने कहा कि हम राज्य के हित में अपने काम में लगे रहते हैं. हमलोग तेजी से युवाओं को रोजगार देने पर जोर दे रहे हैं.


उन्होंने कहा कि देशहित में सभी विपक्षी दल एकजुट हों. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के 10 दिसंबर को पटना दौरे के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि हां, वह 10 दिसंबर को पटना में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद (ईजेडसी) की बैठक की अध्यक्षता करने आ रहे हैं. हम सभी बैठक में मौजूद रहेंगे, हम सभी का सम्मान करते रहेंगे, यह हमारी परंपरा है. बैठक में अन्य सदस्य राज्यों- झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों के भी शामिल होने की उम्मीद है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबी को देखते हुए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमलोगों ने जाति आधारित गणना कराई. इसके साथ ही हर परिवार की आर्थिक स्थिति का भी पता लगाया. हिंदू, मुस्लिम, अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग, उच्च वर्ग(किसी भी जाति वर्ग का हो), सबका पता लगाया. उच्च वर्ग में भी कितनी गरीबी है, इसका पता चला है. पूरे देश में जातिगत जनगणना होती तो सभी को काफी फायदा होता है. 


इनपुट- भाषा


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