टर्म एंड कंडीशंस अप्लाई के साथ जहरीली शराब से मृतकों के परिजनों को 4 लाख की राहत देंगे नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जहरीली शराब पीने से मोतिहारी में हुई मौतों पर लगता है पिघल गए हैं. तभी तो उन्होंने ऐलान किया है कि वे मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये की सहायता राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से देंगे. हालांकि इसके लिए उन्होंने टर्म एंड कंडीशन भी लगा रखा है.
Patna: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जहरीली शराब पीने से मोतिहारी में हुई मौतों पर लगता है पिघल गए हैं. तभी तो उन्होंने ऐलान किया है कि वे मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये की सहायता राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से देंगे. हालांकि इसके लिए उन्होंने टर्म एंड कंडीशन भी लगा रखा है. सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा, मोतिहारी जहरीली शराब त्रासदी एक दुखद घटना है. हम मुख्यमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपये प्रदान करेंगे, लेकिन उन्हें लिखित में देना होगा कि वे राज्य में शराबबंदी के पक्ष में हैं और वे शराब पीने के खिलाफ हैं. बताया जा रहा है कि 2016 से अब तक जहरीली शराब से जितनी मौतें हुई हैं, उन सभी पीड़ित परिवारों को इस बार मुआवजा दिया जा सकता है.
यह गनीमत है कि नीतीश कुमार मोतिहारी में जहरीली शराब कांड में मृतकों की मौत को लेकर पिघल गए हैं. विश्वास नहीं होता कि ये वहीं नीतीश कुमार हैं, जिन्होंने छपरा में 59 और सीवान में 5 और बेगुसराय के तेघड़ा में 2 लोगों की मौत को लेकर पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने से इनकार कर दिया था. तब बिहार में जहरीली शराब से मौत का आंकड़ा 66 हो गया था. तब विधानसभा में जहरीली शराब कांड को लेकर जमकर हंगामा हुआ था और कुर्सियां भी पटकी गई थीं. यहां तक कि विपक्षी दल बीजेपी के नेता सरकार को बर्खास्त करने की मांग को लेकर राजभवन भी पहुंच गया था.
उस समय नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा की अगुवाई में बीजेपी नेताओं ने राजभवन तक मार्च किया था. उस समय विजय कुमार सिन्हा ने कहा था कि सरकार की विफलता से अपराधियों की गोली से या जहरीली शराब से कोई मरता है तो सरकार को मुआवजा देना चाहिए. सरकार को इसके अलग से कानून लेकर आना चाहिए. विजय कुमार सिन्हा ने कहा था कि सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है और बिहार में दारू, बालू और भ्रष्टाचार सरकार का मुख्य एजेंडा बन गया है.
जब विजय कुमार सिन्हा ने जहरीली शराब कांड में मरने वालों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये मुआवजे की मांग की तो उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. नीतीश कुमार ने कहा था, दारू पीकर मरे हैं तो क्या सरकार मुआवजा देगी, सरकार एक पैसा मुआवजा नहीं देगी.